- कैब चालक मनमाने तरीके से नहीं बढ़ा सकेंगे किराया
- दिल्ली सरकार निर्धारित करेगी कैब का बेस किराया
- कैब व टैक्सियों में सुरक्षा के लिए भी होंगे कई प्रावधान
Delhi News: राजधानी दिल्ली में चलने वाली ऐप आधारित कैब की मनमानी पर अब दिल्ली सरकार लगाम लगाने जा रही है। दिल्ली परिवहन विभाग इन ऐप आधारित टैक्सियों का बेस किराया अब खुद से तय करेगा। इसके साथ ही इनकी मांग बढ़ने पर उसके किराये में होने वाली प्राइसिंग भी अब अधिकतम सीमा बेस किराये के डबल से ज्यादा नहीं होगी। अधिकारियों के अनुसार कैब कंपनियों के मनमानी पर रोक लगाने के लिए टैक्सी एग्रीग्रेटर नीति बनाई जा रही है, जो अपने अंतिम चरण में है। जल्द ही इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार इन कंपनियों की मनमानी के बारे में लगातार शिकायत मिल रही थी। जिसके बाद दिल्ली परिवहन विभाग ने बीते मई माह में एग्रीग्रेटर योजना बनाने का प्लान बनाया था और जून माह में ड्राफ्ट नीति सार्वजनिक कर जनता से सुझाव मांगे थे। लोगों से मिले सुझाव के आधार पर ऐप आधारित कैब व टैक्सी संचालकों के किराये, यात्रियों की सुरक्षा और दुर्व्यहार को रोकने पर योजना तैयार की जा रही है।
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी होंगे कई प्रावधान
अधिकारियों के अनुसार परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत इस पूरी योजना को लेकर अधिकारियों के साथ एक बैठक करेंगे। जिसमें पूरी योजना पर चर्चा की जाएगी। राजधानी दिल्ली में अभी पूरा अधिकार इन कैब व टैक्सी को चलाने वाली कंपनियों के पास है। ये कंपनियां मांग के आधार पर किराया तय करती हैं। अगर कहीं मांग बढ़ती है तो ये किराया कई गुना बढ़ा देती हैं। मगर नई नीति के तहत परिवहन विभाग ही टैक्सियों का बेस किराया तय करेगा। जिसके बाद मांग बढ़ने पर किराया बढ़ाने की अनुमति होगी, लेकिन वह दोगुने से ज्यादा नहीं हो सकेगा। इसके साथ ही इन मोबाइल ऐप आधारित टैक्सी संचालकों को ई-टैक्सी को बेड़े में भी शामिल किया जाएगा। जिससे इनके बारे में परिवहन विभाग को पूरी जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा इन पर नजर रखने के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित करने की योजना है।