नयी दिल्ली: दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगभग नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और 1,490 मामले सामने आए। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि महामारी से दो और मरीजों की मौत हो गई तथा संक्रमण की दर 4.62 प्रतिशत दर्ज की गई। राष्ट्रीय राजधानी में लगातार सातवें दिन संक्रमण के एक हजार से ज्यादा दैनिक मामले सामने आए।
बुलेटिन के अनुसार, कुल मामले बढ़कर 18,79,948 हो गए और मृतकों की संख्या 26,172 पर पहुंच गई। बुधवार को शहर में 32,248 नमूनों की जांच की गई। सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या 5 हजार के पार हो गई है।
सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 5250 हुई, 10 फरवरी के बाद से सबसे ज्यादा सक्रिय कोरोना मरीज गौर हो कि 10 फरवरी को सक्रिय मरीजों की संख्या 5438 थी।
"अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की दर कम है"
वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा था कि राजधानी में कोविड-19 के मामले बढ़ गए हैं लेकिन लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की दर कम है। उन्होंने अस्पताल में मरीजों के भर्ती होने की दर के पीछे टीकाकरण और स्वाभाविक रूप से हासिल रोग प्रतिरोधक क्षमता को जिम्मेदार बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों में कोविड संक्रमण के मामलों को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि कई सीरो सर्वे से यह पता चलता है कि हालांकि, बच्चों और वयस्कों में संक्रमण दर लगभग समान है लेकिन बच्चों में बीमारी की गंभीरता 'बहुत कम' है।
"कोरोना का अगला वैरिएंट चिंता का कारण हो सकता है"
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO का कहना है कि कोरोना का अगला वैरिएंट चिंता का कारण हो सकता है, WHO की तकनीकी प्रमुख मारिया वैन कारखेव ने कहा, वर्तमान में दुनिया भर में सबसे अधिक मामले ओमिक्रॉन के ही हैं, साथ ही साथ इसके सबवैरिएंट बीए.4, बीए.5, बीए.2.12.1 पर भी नजर रखी जा रही है। वहीं WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने कहा है कि 'हम अंधे हैं, जो यह नहीं देख पा रहे हैं कि कैसे कोरोना के टेस्ट कम होने की वजह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है।