नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के सिलसिले में दोषी ठहराए गए शख्स दिनेश यादव को पांच साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत का यह फैसला गुरुवार को आया। दिनेश यादव इस मामले में दोषी करार पहला अभियुक्त है, जिसे कोर्ट ने सजा सुनाई है। वह दंगाइयों की उस भीड़ का हिस्सा था, जिन्होंने 73 वर्षीया एक महिला के घर पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया था।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में यह पहली सजा है। कोर्ट ने दिनेश यादव को 12,000 रुपये का जुर्माना चुकाने का आदेश भी दिया है। दिनेश यादव को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट की अदालत ने बीते माह फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों के दौरान एक घर में आग लगाने वाली दंगाइयों की भीड़ का हिस्सा होने के लिए दोषी ठहराया था। 25 वर्षीय दिनेश यादव को दंगों के सिलसिले में 8 जून, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।
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महिला के घर में लगाई थी आग
दिल्ली दंगा केस में दिनेश यादव की गिरफ्तारी 73 वर्षीय महिला की शिकायत के बाद की गई थी, जिन्होंने पुलिस को बताया था कि 25 फरवरी, 2020 को जब दंगा भड़का था, उनके घर में परिवार का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था। उसी समय 150-200 दंगाइयों की भीड़ ने उनके घर पर हमला कर दिया था और वहां तोड़फोड़ मचाने के साथ-साथ घर में आग भी लगा दी थी, जिससे उनका सबकुछ खाक हो गया है।
उन्होंने दंगाइयों पर अपने घर से कीमती सामान लूट लेने का आरोप भी लगाया था। बाद में पुलिस ने मामले की जांच के दौरान दिनेश यादव को दंगाइयों की उस भीड़ का सक्रिय सदस्य पाया, जिन्होंने महिला के घर पर हमला किया था। बाद में 3 अगस्त, 2021 को अदालत ने उसके खिलाफ आरोप तय किए। सुनवाई के दौरान अदालत ने दिनेश यादव के खिलाफ आरोपों को सही पाया और छह दिसंबर, 2021 को इस मामले में उसे दोषी ठहराया गया था।
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CAA समर्थकों/विरोधियों में झड़प के बाद भड़का था दंगा
यहां गौर हो कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में दंगा उस वक्त भड़क उठा था, जब नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के समर्थकों और इसके विरोध प्रदर्शन करेन वालों के बीच हिंसक झड़प हुई और फिर देखते ही देखते इसने दंगे का रूप ले लिया। दंगे के दौरान हुई हिंसक झड़पों में कम से कम 53 लोगों की जान चली गई, जबकि 700 से अधिक घायल हो गए थे। बड़ी संख्या में सुरक्षा की तलाश में लोग अपना घर छोड़कर कहीं चले गए थे।