नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी में महत्तवपूर्ण बदलाव किए हैं। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में शराब पीने के लिए कानूनी उम्र अब 21 वर्ष होगी। इससे पहले शराब पीने की न्यूनतम आयु दिल्ली में 25 वर्ष थी और अब उसे घटा दिया गया है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह अब दिल्ली में भी 21 साल शराब पीने की कानूनी उम्र होगी।21 साल से कम उम्र के युवकों की आईडी चेकिंग अनिवार्य होगी।
इसके साथ ही दिल्ली में कोई सरकारी शराब स्टोर नहीं होगा। राष्ट्रीय राजधानी में कोई नई शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी। दिल्ली में बेनामी शराब की दुकाने बंद होंगी। शराब की दुकानों के लिए नए नियम घोषित किए जाएंगे। दिल्ली में शराब की स्मगलिंग रोककर इक्साइज रेवेन्यू में 20% की बढ़त होगी। यानी 1 से 2000 करोड़ की बढ़त होगी। साथ ही नकली शराब को खत्म करने के लिए दिल्ली में भारत का सबसे पहली अंतरराष्ट्रीय स्तर की चेकिंग लैब बनेगी।
पैनल ने की थीं ये सिफारिशें
पिछले साल दिसंबर में दिल्ली सरकार द्वारा गठित एक समिति ने राष्ट्रीय राजधानी में पीने की उम्र को कम करने की सिफारिश की थी। उन सिफारिशों में कहा गया था कि कानूनी उम्र को 25 से घटाकर 21 कर देना चाहिए। इसमें ये भी कहा गया था कि बीयर और वाइन जैसी 'सॉफ्ट' लीकर को डिपार्टमेंटल स्टोर्स में अनुमति दी जा सकती है। पैनल ने ड्राई डे की संख्या को कम करने की भी सिफारिश की थी। दिल्ली में ड्राई दिनों की कुल संख्या कम से कम 20 है। उन्होंने कहा कि इसे घटाकर तीन किया जाना चाहिए।
सिसोदिया ने कहा, 'नई आबकारी नीति को आज मंत्रिमंडल द्वारा मंत्रियों के समूह की सिफारिशों के आधार पर मंजूरी दे दी गई। यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोई नई शराब की दुकानें नहीं खोली जाएगी और सरकार शराब की कोई भी दुकान नहीं चलाएगी। वर्तमान में दिल्ली में 60 प्रतिशत शराब की दुकानें सरकार द्वारा चलाई जाती हैं।'
'शराब माफियाओं के लिए झटका'
नई आबकारी नीति पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'आज घोषित किए गए आबकारी सुधार दिल्ली में शराब माफिया के लिए एक बड़ा झटका होगा। माफिया इन सुधारों में बाधा डालने के लिए सब कुछ करेंगे। AAP सरकार ने शिक्षा, पानी, चुनाव, स्वास्थ्य आदि जैसे कई क्षेत्रों में माफिया राज को समाप्त कर दिया है।'