नई दिल्ली: कोरोना काल में दिल्ली की सड़कों पर आपने जगह जगह सिविल डिफेंस कर्मचारियों को ड्यूटी निभाते हुए देखा होगा, यह सिविल डिफेंस कर्मचारी लोगों को कोरोना की गाइडलाइंस का पालन करना सिखाते थे, तो कुछ जगह मास्क ना पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने का चालान काटते हुए भी नजर आते थे और अभी भी नजर आते है। इस दौरान कई वीडियो ऐसे वायरल हुए थे जिसमें सिविल डिफेंस कर्मचारी सड़कों पर गुंडागर्दी करते हुए दिख रहे थे।
इसके बाद इनकी नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे और यह मामला कोर्ट तक भी गया था अब दक्षिणी दिल्ली में झपटमारी का एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें आरोपी दिल्ली सिविल डिफेंस का एक कर्मचारी है।
पुलिस को झपटमार की बाइक का पूरा नंबर मिल गया
घटना 17 सितंबर की है जब दिल्ली के नेब सराय इलाके से एक महिला इलाके में पैदल अपने घर की तरफ जा रही थी उसी दौरान एक बाइक पर आए ने जबरन उसकी सोने की चेन छीनी और मौके से फरार हो हो गया महिला ने संगम विहार थाने में अपनी लिखित शिकायत दी और पुलिस को बताया कि उसने झपटमार की बाइक का नंबर देख लिया है जो DL3s-834 है लेकिन ये नंबर अधूरा था लेकिन पुलिस ने घटनास्थल के आस पास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खांगली और पुलिस को झपटमार की बाइक का पूरा नंबर मिल गया।
दिल्ली और गाज़ियाबाद में कई जगह पर रेड डाली
पुलिस ने उस नंबर के आधार पर आरोपी को पकड़ने के लिए दिल्ली और गाज़ियाबाद में कई जगह पर रेड डाली और आरोपी को पुलिस ने संगम विहार इलाके से गिरफ्तार कर लिया। झपटमार की पहचान मुकुल वर्मा के रूप में हुई जो संगम विहार का रहने वाला है उसके पास से वारदात में प्रयोग हुई बाइक को भी पुलिस ने जब्त कर लिया। आरोपी ने महिला से लूटी हुई को चेन को राकेश वर्मा नाम के शख्स को बेच दिया था जहां से पुलिस ने चेन भी रिकवर कर ली।
इस घटना से सवाल खड़ा होता है कि दिल्ली सरकार जिन वॉलिंटियर्स को आम जनता के चालान काटने जैसे भारी भरकम काम देती है क्या इनकी नियुक्ति से पहले इनकी वेरिफिकेशन होती है,क्या इनकी कोई ट्रेनिंग होती है और क्या इन नियुक्ति से पहले इन्हें जनता की सेवा के प्रति कोई शपथ दिलाई जाती है?