- विशेष कोरोना शुल्क लगाने से दिल्ली में शराब काफी महंगी हो गई थी
- दिल्ली ही नहीं अन्य राज्यों ने भी शराब पर सेस लगाने का फैसला लिया था
- कई राज्यों में शराब की होम डिलीवरी करने का भी फैसला किया गया
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने 10 जून 2020 से सभी श्रेणियों की शराब के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर लगाए गए 70% 'विशेष कोरोना शुल्क' को वापस लेने का फैसला किया है। हालांकि वैट 20 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। लॉकडाउन के दौरान 4 मई को जब वापस शराब की बिक्री की अनुमति मिली तो इसके अगले दिन यानी 5 मई से दिल्ली सरकार ने शराब बिक्री पर विशेष कोरोना शुल्क लगा दिया था, जो एमआरपी का 70 प्रतिशत था।
25 मार्च से शराब की बिक्री बंद थी
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की खबर के मुताबिक दिल्ली सरकार को उम्मीद थी कि शराब बिक्री से उसे अधिक राजस्व प्राप्त होगा, लेकिन चार मई से 30 मई तक वह नए कारोना शुल्क को छोड़कर मात्र लगभग 235 करोड़ रुपए ही संग्रह कर पाई। लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होने के साथ ही शहर में चार मई से शराब बिक्री की अनुमति दी गई थी। इसके पहले लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही 25 मार्च से शराब बिक्री बंद थी। आबकारी विभाग के आंकड़े के अनुसार, पहले दिन पांच करोड़ रुपए की शराब बिकी थी, जब विशेष सेस लागू नहीं था।
विशेष कोरोना शुल्क के रूप में लगभग 160 करोड़ रुपए मिले
सरकार ने 30 मई तक 234.54 करोड़ रुपए की शराब की बिक्री की और विशेष कोरोना शुल्क के रूप में लगभग 160 करोड़ रुपए अतिरिक्त प्राप्त हुए। 2020-21 के बजट में कर राजस्व में सरकार की कुल उम्मीद का 14 प्रतिशत यानी 6,300 करोड़ रुपये राज्य आबकारी से था। लेकिन पहली अप्रैल से शुरू हुए नए वित्त वर्ष में कोरोनावायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते तीन मई तक कोई बिक्री नहीं हुई।