- राकेश टिकैत कहा कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी तक आंदोलन जारी रहेगा।
- दिल्ली सरकार विधानसभा मे किसानों को मुआवजा, एमएसपी गारंटी कानून के लिए प्रस्ताव ला रही है।
- अखिलेश यादव ने किसान शहादत सम्मान राशि देने का ऐलान किया।
नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में किसानों के समर्थन में एक प्रस्ताव लाएगी। किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 700 किसानों को मुआवजा, एमएसपी की कानूनी गारंटी और लखीमपुर खीरी हिंसा पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग करेगी।
दिल्ली सरकार का यह बयान तब है जब भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत कहा कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी समेत उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी पर बात नहीं करना चाहती है। हमने चार दिन पहले इसे लेकर सरकार को चिट्ठी लिखी है लेकिन इसका कोई जवाब नहीं आया। एमएसपी पर कानून बनने से पूरे देश के किसानों को लाभ होगा।
उधर समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि 2022 में अगर समाजवादी पार्टी सत्ता में आती है तो किसान आंदोलन के दौरान मारे गए जान गंवाने वाले किसानों को 25 लाख रुपए का किसान शहादत सम्मान राशि दी जाएगी।
बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी सरकार ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की, लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बीज विधेयक, कीटनाशक, एमएस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों के कई मुद्दे हैं जिन्हें हल करने की जरुरत है। उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए करीब 750 किसानों के परिजनों को तीन-तीन लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा का भी स्वागत किया और कहा कि केंद्र को उन्हें भी अनुग्रह राशि प्रदान करनी चाहिए। पार्टी लाइन से हटकर राजनेताओं ने विरोध के दौरान कथित तौर पर मारे गए किसानों के लिए मुआवजे की मांग की है।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर बैठक की गई। हम सत्र में किन-किन विषयों को उठाएंगे इसपर चर्चा हुई। कांग्रेस किसान, MSP व लखीमपुर खीरी की घटना को सत्र में लाएगी। विपक्षी पार्टियों के साथ एकजुट होकर लोगों के मुद्दें सदन में उठाएंगे।