- एक सितंबर से रोटेशन के आधार पर हाई कोर्ट को भी खोला जा सकता है
- ऐसा तभी होगा जब पब्लिक ट्रांसपोर्ट और कोरोना को लेकर स्थिति पूरी तरह कंट्रोल में हो
- कोर्ट को फिर से खोलने की कवायद को प्रयोग के तौर पर देखा जाएगा
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High court) ने कहा कि वह अपने सभी सात जिला अदालतों को फिर से खोल सकता है साथ ही कोर्ट का यह भी कहना है कि एक सितंबर से रोटेशन के आधार पर हाई कोर्ट को भी खोला जा सकता है, हालांकि यह तभी पूरी तरह फैसला लिया जाएगा जब पब्लिक ट्रांसपोर्ट और कोरोना को लेकर स्थिति पूरी तरह कंट्रोल में हो।
अगर दिल्ली में लोगों के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध होंगे तभी अदालतें खोली जाएंगी, इसके अलावा दिल्ली में COVID-19 की स्थिति भी देखनी होगी।कोर्ट को फिर से खोलने की कवायद को प्रयोग के तौर पर देखा जाएगा, जो कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की पूर्ण उपलब्धता और दिल्ली में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर निर्भर करेगा।
सभी अदालतें लगभग पांच महीने तक बंद रहीं
हाई कोर्ट की प्रशासनिक और सामान्य पर्यवेक्षण समिति ने कोरोना को देखते हुए अपने कामकाज के साथ-साथ जिला अदालतों को भी तत्काल 31 अगस्त तक बंद रखने का फैसला किया है। गौरतलब है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च को लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से सभी अदालतें लगभग पांच महीने तक बंद रहीं हालांकि जून से लॉकडाउन प्रतिबंधों को कम कर दिया गया था वहीं कोर्ट अभी केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल सुनवाई कर रही हैं।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि अदालत की कुल क्षमता का केवल एक-चौथाई के साथ कामकाज शुरू किया जा सकता है एक चौथाई क्षमता के साथ अदालत में कामकाज को शुरू की जा सकती है वहीं बाकी मामलों को वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिए जारी रखा जा सकता है।