नई दिल्ली : दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बन गई है। प्रदूषण के मामले में बांग्लादेश की राजधानी ढाका दूसरे पायदान पर है। दिल्ली को दुनिया की सबसे बड़ी प्रदूषित राजधानी होने का तमगा लगातार दूसरी बार मिला है। साल 2021 में मध्य एवं दक्षिण एशिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में 12 शहर भारत के रहे हैं। अफ्रीकी देश चाड की राजधानी नजामिना तीसरे, तजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे चौथे और ओमान का मस्कट पांचवें नंबर पर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वायु गुणवत्ता सूचकांक के मानकों पर दुनिया का किसी भी देश का कोई भी शहर खरा नहीं उतरा है।
मध्य एवं दक्षिण एशिया के शहर सर्वाधिक प्रदूषित
वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2021 के मुताबिक बीते साल दिल्ली के पीएम 2.5 में 14.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यहां तक कि भारत का कोई शहर विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु गुणवत्ता गाइडलाइन के अनुरूप नहीं है। यह रिपोर्ट दुनिया के 117 देशों के 6,475 शहरों के पीएम 2.5 डाटा पर आधारित है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य एवं दक्षिण एशिया के कुछ शहरों में दुनिया की सबसे प्रदूषित हवा है। विश्व में जो 50 सबसे प्रदूषित शहर हैं उनमें से 46 शहर इन्हीं दो क्षेत्रों से हैं।
भिवंडी सबसे प्रदूषित क्षेत्रीय शहर
मध्य एवं दक्षिण एशिया क्षेत्र के देशों में ईरान, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश शामिल हैं। राजस्थान का भिवंडी सबसे प्रदूषित क्षेत्रीय शहर है। हवा का प्रदूषण बढ़ाने में पीएम 2.5 की सबसे बड़ी भूमिका मानी जाती है। वायु में इसकी मात्रा अधिक होने पर अस्थमा, स्ट्रोक, हृदय और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां होती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम 2.5 से दुनिया भर में हर साल लाखों लोगों की मौत होती है।
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या काफी बड़ी है
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या काफी बड़ी है। नवंबर के महीने में हरियाणा एवं पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने के चलते राजधानी की आबोहवा काफी खराब हो जाती है। प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकारों को कई बार फटकार लगा चुका है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि आधुनिक एवं वैज्ञानिक तकनीक से खेती करने पर पराली की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।