- दिल्ली के पेड़ों की वैज्ञानिक तरीके से होगी छंटाई
- उपराज्यपाल ने कनॉट प्लेस से शुरू किया अभियान
- एक माह के अंदर राजधानी के सभी पेड़ किए जाएंगे सुरक्षित
Delhi NDMC: राजधानी की सड़कों के किनारे खड़े लाखों पेड़ों को अब आंधी नहीं गिरा पाएगी। इन पेड़ों को आंधी से बचाने के लिए दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने खास योजना बनाई है। योजना के तहत अब वैज्ञानिक तरीके से इन पेड़ों का ध्यान रखा जाएगा। इस योजना पर कार्य भी शुरू हो गया है। एनडीएमसी ने कनॉट प्लेस में मौजूद पेड़ों की अब वैज्ञानिक तरीके से छंटाई शुरू की है। जिससे ये पेड़ अब न तो विकास में बाधा बनेंगे और न ही आंधी के समय गिरेंगे।
दरअसल, पिछले माह आई तेज आंधी से राजधानी में सैकड़ों पेड़ गिर गए थे। इस नुकसान से सबक लेते हुए एनडीएमसी ने पेड़ों की वैज्ञानिक तरीके से छंटाई करने व ध्यान रखने का प्लान बनाया गया। इस अभियान की शुरुआत उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, एनडीएमसी के चेयरमैन भूपिंदर कुमार भल्ला और एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय की उपस्थिति में कनॉट प्लेस से हुई। अभियान को शुरू किए जाने पर उपराज्यपाल सक्सेना ने कहा कि इससे न केवल पेड़ों को मजबूती और सुरक्षा मिलेगी, बल्कि राजधानी की सुंदरता भी बढ़ाएगी।
रात एक बजे से सुबह नौ बजे तक चलेगा अभियान
एनडीएमसी अधिकारियों के अनुसार वैज्ञानिक छंटाई का कार्य कनॉट प्लेस के आउटर सर्किल से शुरू किया गया है। पेड़ों की छंटाई के लिए पर्यावरण विभाग से मंजूरी ले ली गई है। अधिकारियों के अनुसार क्योंकि राजधानी की सड़कों पर दिन में भारी ट्रैफिक रहती है, इसलिए यह कार्य रात एक बजे से लेकर सुबह नौ बजे तक यह किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार इस कार्य में करीब एक माह का समय लग सकता है।
क्या होती है वैज्ञानिक छंटाई
एनडीएमसी के उद्यान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वैज्ञानिक छंटाई में पेड़ों के विकास के लिए अवरोधक बनने वाली मृत शाखाओं को हटाया जाता है। इस दौरान ध्यान रखा जाता है कि पेड़ों को चारो तरफ से सही बैलेंस मिल सके। इससे पेड़ों को चारों तरफ से बराबर सपोर्ट मिलता है और वे तेज आंधी में भी खड़े रहते हैं। अधिकारी ने बताया कि पेड़ों की छंटाई न होने की वजह से तेज हवा पेड़ों के अंदर घूमती है, जिससे पेड़ को नुकसान होता है। जबकि वैज्ञानिक तरीके से छंटाई होने पर हवा आर-पार निकल जाती है।