- क्राइम ब्रांच ने पकड़े अंतरराज्यीय गिरोह के चार बदमाश
- आरोपियों पर अलग-अलग राज्यों में दर्ज है 70 से ज्यादा मामले
- आरोपी पुलिस व सीबीआई के अधिकारी बनकर करते थे लूट व ठगी
Delhi Crime: राजधानी के अंदर पुलिस व सीबीआई का ऑफिसर बनकर बुजुर्गों से लूटपाट करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उसके सरगना समेत चार बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने की। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किया गया सरगना निसार मिश्किन सैय्यद मुंबई व नागपुर के अंदर भी पांच मामलों में वांछित है। एक मामले में इस पर मकोका भी लगा है। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ कर ठगी व लूटपाट के नौ मामले सुलझाने का दावा किया है।
गिरफ्तार किए गए अन्य बदमाशों में इकबाल, सलमान अली और शब्बीर अली है, ये तीनों देवबंद, यूपी के रहने वाले हैं। आरोपियों के पास से पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल होने वाली एक आई टेन कार व एक बाइक भी जब्त की है। इसके अलावा 52 ग्राम वजन का एक सोने का कड़ा, बिहार व उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ भारतीय सेना की तीन टोपियां भी आरोपियों के पास से मिली है। इसे पहनकर ही गिरोह के सदस्य पुलिसकर्मी बनते और बुजुर्गों को अपना शिकार बनाते थे।
चार से पांच के ग्रुप में काम करता है गिरोह
डीसीपी राजेश देव ने बताया कि इन बदमाशों को एसीपी सुशील कुमार व इंस्पेक्टर दलीप कुमार की टीम ने आईपी पार्क के पास से दबोचा। जांच के दौरान इनके पास से 24 मई को अलीगढ़ की एक बुजुर्ग महिला से लूटा गया सोने का कड़ा बरामद किया गया। डीसीपी ने बताया कि बदमाश इकबाल पर देहरादून के पटेल नगर में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज है। पुलिस ने बताया कि इससे पहले 16 मई को पुलिस टीम ने इस गिरोह के दो सदस्यों गुलाम अली उर्फ काकड़ी और बकर अली को गिरफ्तार किया था। इस गिरोह के ज्यादातर सदस्य मध्य प्रदेश व देवबंद के हैं।
पूरे देश में देते थे लूट की घटना को अंजाम
यह गिरोह पूरे भारत में लूट और ठगी का काम करता है। इस गिरोह के प्रत्येक टीम में 4-5 सदस्य होते हैं। जिसमें से दो सदस्य पहले पुलिसकर्मी बनकर बुजुर्गों को रोकते हैं और उन्हें डरा धमका या फिर बहाना बनाकर उनके जेवर उतरवा लेते और भाग जाते थे। ये लोग कभी सीबीआई तो कभी अन्य अधिकारी बनकर चेकिंग के बहाने रोक कर लोगों के साथ ठगी व लूटपाट करते थे। पुलिस के अनुसार इन चारों के खिलाफ अलग-अलग राज्य में 70 से अधिक मामले दर्ज हैं।