- दिल्ली में वायु की गुणवत्ता खराब, दिल्ली सरकार ने खास अभियान शुरू करने का फैसला किया
- रेड लाइट ऑन- गाड़ी ऑफ अभियान के जरिए पीएम 10 में कमी लाने की कवायद
- दिल्ली में कुल एक करोड़ पंजीकृत वाहन हैं
नई दिल्ली। सर्दी के आने में इंतजार है, लेकिन दिल्ली के आसमां को सफेद चादर ने लपेट लिया है। लेकिन वो सफेद चादर दुश्वारियों को न्यौता दे रही है। उस सफेद चादर का नाम है स्मॉग यानी धुआं और धुंध। उस स्मॉग से निपटने के लिए तमाम तरह के उपायों पर दिल्ली सरकार काम कर रही है। मिसाल के तौर पर डीजल जेनसेट को 15 अक्टूबर से बंद करने का फैसला किया गया है इसके साथ ही और तमाम सारे उपाय किए जा रहे हैं।
रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ की कवायद
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि सरकार इस समस्या से निपटने के लिए रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान को अमल में लाने जा रही है। उनके मुताबिक दिल्ली में एक करोड़ गाड़ियां पंजीकृत हैं। जानकारों के मुताबिक अगर सिर्फ 10 लाख गाड़ियां किसी भी रेड लाइट इंजन को बंद करें तो करीब 1.5 टन पीएम 10 का उत्सर्जन एक साल में कम होता है।
एंटी स्मॉग गन की पहले ही हुई है तैनाती
दिल्ली सरकार के मुताबिक राजधानी में 33 जगहों पर बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य जारी है। इसकी वजह से धूल के कण वातावरण में फैले हुए हैं। लेकिन इस तरह के हालात और न बने इसके लिए एंटी स्मॉग गन की मदद ली जा रही है। फिलहाल 26 जगहों पर इस यंत्र को स्थापित किया गया है और बहुत जल्द ही शेष जगहों पर इन मशीनों का लगा दिया जाएगा। इसके साथ ही सीपीसीबी की तरफ से जो गाइडलाइंस जारी की गई हैं उसके अनुपालन मे किसी तरह की कोताही नहीं बरती जा रही है। इसके अलावा भीड़भाड़ इलाके के साथ साथ दूसरी जगहों पर भी डीजल जेनसेट चलाने पर बैन लगा दिया गया है।