- स्वास्थ्य विभाग ने बनाया जुर्माना राशि में दस गुना वृद्धि का प्रस्ताव
- अभी तक घरों से वसूला जाता था 100 से 500 रुपये तक जुर्माना
- प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद वसूला जाएगा पांच हजार जुर्माना
Delhi Dengue: दिल्ली के लोगों के घरों में अगर डेंगू मच्छर या इसका लार्वा मिला तो भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। क्योंकि एमसीडी बैक्वेंट हॉल और रेस्तरां लाइसेंस शुल्क में वृद्धि करने के बाद अब दिल्लीवासियों पर मोटा जुर्माना लगाने जा रही है। घरों में अगर डेंगू का मच्छर व उसका लार्वा पाया जाता है तो अब आपको पहले से दस गुना ज्यादा जुर्माना देना पड़ेगा। इस संबंध में एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग ने प्रस्ताव बना कर अप्रूवल के लिए दिल्ली सरकार के पास भेजा है। अधिकारियों का कहना है कि, यह प्रस्ताव दिल्ली सरकार से विचार-विमर्श करके बनाया गया है। इसका मतलब दिल्ली सरकार की तरफ से इस प्रस्ताव पर रोक नहीं लगने वाली है।
बता दें कि, अब तक एमसीडी की तरफ से घर में डेंगू का लार्वा मिलने पर 100 से 500 रुपये का जुर्माना किया जाता है, जिसे बढ़ाकर अब पांच हजार रुपये करने की योजना है। अधिकारियों के अनुसार, इस भारी भरकम जुर्माने के डर से लोग अपने घरों को स्वच्छ रखेंगे और मच्छर जनित बीमारियों को काबू पाने में सफलता मिलेगी।
सन् 1975 के बाद होगा यह बदलाव
एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जुर्माना राशि में यह बदलाव वर्ष 1975 के बाद किया जा रहा है। अभी घरों में डेंगू का मच्छर पाए जाने पर जो अधिकतम जुर्माना राशि वसूल की जाती है उसका निमय इसी साल बना था। तब से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया। अधिकारियों के अनुसार दिल्ली के अंदर वर्ष 2018 में डेंगू के 2798 मरीज सामने आए थे, जबकि सबसे अधिक 9613 डेंगू मरीज कोरोना के दौरान वर्ष 2021 में सामने आए थे और इससे 23 लोगों की जान गई थी। इस साल भी डेंगू के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
अभी इतनी है जुर्माने राशि
एमसीडी के नियम के अनुसार, डेंगू के मच्छरों के पाए जाने पर दो तरह से जुर्माना राशि वसूल की जाती है। एक घरों से और दूसरा निर्माण स्थल और सरकारी कार्यालयों से। घरों में डेंगू मच्छर व लार्वा पाए जाने पर जुर्माना राशि 100 रुपये लेकर 500 रुपये है, जबकि प्रशासनिक शुल्क वेक्टर कंट्रोल के तहत 2000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक जुर्माना वसूला जाता है। प्रशासनिक शुल्क वेक्टर कंट्रोल में अलग-अलग स्लैब हैं। निर्माण स्थल बड़ा है तो अधिक जुर्माना और छोटा है तो कम जुर्माना वसूला जाता है।