- वाहन चोरी के बाद बदल देते थे इंजन और चेसिस नंबर
- गिरोह के सरगना समेत पांच सदस्यों व एक रिसीवर को दबोचा
- आरोपियों के पास से पुलिस ने बरामद किए 13 चोरी के वाहन
Delhi Crime: दिल्ली के वाहन चोरी निरोधक दस्ता ने एक ऐसे वाहन चोर गिराह का पर्दाफाश करने में सफलता पाई है, जिसने पिछले चार साल के दौरान दिल्ली-एनसीआर के अंदर से 700 से अधिक वाहनों की चोरी कर ली। पुलिस ने इस गिरोह के पांच बदमाश व एक रिसीवर को गिरफ्तार किया है। दिल्ली के अंदर आतंक मचा रहे इन वाहन चोरों की पुलिस लंबे समय से तलाश कर रही थी। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार वाहन चोरों के नाम रौनक अली, कमल, तरुण उर्फ मीनू, परविंदर सिंह, नफीस और अश्वनी मिश्रा हैं। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने फार्चयूनर, क्रेटा, इनोवा, आई-20 और बलेनो सहित चोरी की 13 कारें बरामद की हैं।
डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि इन आरोपियों को वाहन चोर निरोधक दस्ता के इंस्पेक्टर संदीप गोदारा की टीम ने गिरफ्तार किया। अब इन से पूछताछ कर गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों का पता लगाया जा रहा है। ये आरोपी गाड़ियां चोरी करने के बाद उसके इंजन और चेसिस नंबर बदलकर जाली दस्तावेज बनवाते और फिर उसका दूसरे राज्यों में दोबारा पंजीकरण कराकर बेच देते।
आरोपियों ने पूछताछ में किए कई खुलासे
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि टीम को सूचना मिली थी कि 15 अगस्त को इस गिरोह के सदस्य तरुण और कमल पटेल नगर में किसी से मिलने आ रहे हैं। जिसके बाद पुलिस टीम ने बिना नंबर प्लेट वाली क्रेटा कार के साथ दोनों को दबोच लिया। जिसके बाद इनकी निशानदेही पर गिरोह के मुखिया रौनक अली सहित अन्य आरोपितों को भी अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया। पुलिस पूछताछ में कमल ने बताया कि उसने पटेल नगर से दस दिन पहले बलेनो कार चोरी की थी, जिसे नागालैंड में चार लाख रुपये में बेच दिया। इस आरोपी के खिलाफ 15 प्राथमिकी दर्ज हैं। वहीं तरुण हरियाणा, पंजाब और पूर्वोत्तर के राज्यों में चोरी की कारों को ठिकाने लगाने का काम करता था। इसके खिलाफ भी छह प्राथमिकी दर्ज हैं। वहीं परविंदर सिंह चोरी की गाड़ियां खरीदने और बेचने का काम करता था। इसपर भी छह प्राथमिकी दर्ज हैं।
गिरोह का सरगना है गांव का प्रधान
पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस गिरोह का सरगना रौनक अली गांव का प्रधान है। पुलिस के अनुसार यह नूरी सराय गांव का रहने वाला है और वहां का प्रधान भी। इसके खिलाफ वाहन चोरी के 35 मामले दर्ज हैं। आरोपी अश्वनी मिश्रा और नसीफ हमेशा इसके साथ ही रहते थे और इसके इशारे पर वाहन चोरी करते। इनके खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज हैं।