नई दिल्ली : अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी (Minimum wages) में बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल से लागू मानी जाएगी। आप सरकार ने मजदूरों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ा दिया। महंगाई भत्ते में लेटेस्ट संशोधन के बाद अकुशल मजदूरों (Unskilled labourers) का मासिक वेतन 16,064 रुपए से बढ़ाकर 16,506 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। इसी तरह अर्धकुशल मजदूरों (Semi-skilled labourers) का वेतन 17,693 रुपए से बढ़ाकर 18,187 रुपए प्रतिमाह किया गया है। कुशल श्रमिकों (Skilled labourers) के लिए मजदूरी 19,473 रुपए से बढ़ाकर 20,019 रुपए प्रति माह कर दी गई है।
इसके अतिरिक्त, सुपरवाइजर और कर्मचारियों के लिपिक संवर्ग के लिए न्यूनतम वेतन दरों को भी संशोधित किया गया है। गैर-मैट्रिक कर्मचारियों के लिए मासिक वेतन 17,693 रुपए से बढ़ाकर 18,187 रुपए और मैट्रिक करने वाले कर्मचारियों के लिए 19,473 रुपए से बढ़ाकर 20,019 रुपए कर दिया गया है। स्नातकों और उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले लोगों के लिए मासिक वेतन 21,184 रुपए से बढ़ाकर 21,756 रुपए कर दिया गया है।
दिहाड़ी मजदूरों के वेतन में वृद्धि के बारे में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक बयान में कहा कि बढ़ती महंगाई के बीच मजदूर वर्ग के हित में उठाया गया यह एक बड़ा कदम है। दिल्ली सरकार ने राजधानी में अकुशल श्रमिक वर्ग (Unskilled working classes) के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की है। इस कदम से दिल्ली सरकार के तत्वावधान में सभी शेड्यूल रोजगार में अकुशल (unskilled), अर्ध-कुशल (Semi-skilled), कुशल (Skilled) और अन्य श्रमिकों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि ये कदम गरीबों और मजदूर वर्ग के हित में उठाया गया है, जिन्हें मौजूदा महामारी के कारण बेतहाशा नुकसान उठाना पड़ा है। असंगठित क्षेत्र में न्यूनतम मजदूरी पर कार्यरत लोगों को भी महंगाई भत्ते का लाभ मिलना चाहिए, जो आमतौर पर राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिया जाता है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा है। दिल्ली के सभी मजदूरों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए दिल्ली सरकार हर 6 महीने में महंगाई भत्ते में लगातार संशोधन कर रही है।