Delhi High Court : दिल्ली के आदर्श नगर में रहने वाले विस्थापित पाकिस्तानी हिंदुओं की दुर्दशा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को उनकी समस्या का सहानुभूति के साथ समाधान करने का आदेश दिया है। साथ ही केंद्र सरकार से पूछा है कि पिछले 5 सालों से बिना बिजली के रह रहे लोगों को अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र क्यों नहीं दिया गया है? मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की बेंच उस याचिका की सुनवाई कर रही थी जिसमें पाकिस्तान से विस्थापित हुए 800 से ज्यादा हिंदुओं को बिजली कनेक्शन के लिए एनओसी देने की मांग की गई थी।
ऐसे लोगों को एनओसी देना जरूरी-एचसी
कोर्ट ने कहा कि जिस जमीन पर ये विस्थापित बसे हुए हैं वो सरकार की है, ऐसे में सरकार के नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के बिना बिजली वितरण कम्पनी इन लोगों को बिजली का कनेक्शन नहीं देगी। कोर्ट ने इस बात को संज्ञान में लिया है कि ये सभी विस्थापित बेहद गरीब हैं, जिनमें बड़ी तादात बच्चों और महिलाओं की है, जिनके लिए बिना बिजली के रहना बहुत मुश्किल है।
मजनू-का-टीला में भी रहते हैं अप्रवासी
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को ये जानकारी दी कि पाकिस्तान से ही आए अन्य प्रवासियों को, जो इस वक्त मजनू-का-टीला में रह रहे हैं, उनके घरों में बिजली कनेक्शन के लिए प्रीपेड मीटर लगा दिए गए हैं।
अगली सुनवाई छह अक्टूबर को होगी
याचिकाकर्ता हरिओम ने पिछले साल अपनी याचिका के जरिए पाकिस्तान से आए हिंदू विस्थापितों के 200 से ज्यादा परिवार के बिना बिजली के रहने का मुद्दा उठाया था। याचिका में ये भी कहा गया है कि धार्मिक उत्पीड़न के कारण पाकिस्तान से प्रवासी इस उम्मीद में भारत आए थी कि उनके बच्चों को उज्ज्वल और सुरक्षित भविष्य मिलेगा। इस मामले की अगली सुनवाई छह अक्टूबर को होगी।