- दिल्ली, हरियाणा और उसके आस-पास के इलाकों में आज (02 जुलाई) तेज बारिश हुई।
- दिल्ली और आसपास के इलाकों में 7 जुलाई तक मॉनसून की बारिश होने की संभावना जताई गई थी।
- आमौतर पर मॉनसून 27 जून तक दिल्ली में दस्तक दे देता है
दिल्ली: पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी ने दिल्ली-एनसीआर और आस-पास के राज्यों में लोगों को जीना मुहाल कर दिया था। लेकिन शुक्रवार की शाम आंधी के साथ हो रही बारिश ने लोगों को बड़ी राहत दी है। हरियाणा में आज कई जगह तेज़ बारिश हुई। हालांकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को कहा था कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में 7 जुलाई तक मॉनसून की बारिश होने की संभावना नहीं है और उसके बाद क्षेत्र में इस महीने के मध्य तक सामान्य से कम बारिश होगी। इससे पहले, 2012 में मॉनसून दिल्ली में इतनी देर से पहुंचा था। आमौतर पर मॉनसून 27 जून तक दिल्ली में दस्तक दे देता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में सक्रिय हो जाता है। पिछले साल मॉनसून 25 जून को दिल्ली पहुंचा था और पूरे देश में यह 29 जून तक सक्रिय हो गया था।
मौसम विभाग ने कहा कि वायुमंडलीय परिस्थितियां बनने में देर होने का प्र्रभाव पंजाब और हरियाणा सहित क्षेत्र में कृषि कार्यों पर पड़ने की संभावना है, जैसे कि फसलों की बुवाई और रोपाई, सिंचाई, बिजली की जरूरत आदि। मौसम कार्यालय ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, उत्तर राजस्थान तथा उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश में दो जुलाई तक लू की परिस्थितियां रहने की संभावना है।
विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा था कि उसके बाद अरब सागर से चलने वाली दक्षिण-पछुआ पवनों के कारण लू की प्रचंडता और इसके प्रभाव क्षेत्र में कमी आने की संभावना है। लेकिन हवा में नमी बढ़ने के कारण अगले 7 दिनों के दौरान ज्यादा राहत नहीं मिलने जा रही है।
मौसम विभाग ने कहा था कि मॉनसून राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के हिस्सों को छोड़ कर देश के ज्यादातर हिस्से में पहुंच गया है। 19 जून से कोई प्रगति नहीं दर्ज की गई है। कम ऊंचाई पर पछुआ पवनें और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों तथा उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा का कम दबाव का क्षेत्र नहीं होना इसके कुछ कारण हैं।
महापात्र ने कहा था कि दिल्ली-एनसीआर और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में 7 जुलाई तक मॉनसून के सक्रिय होने की कोई गुंजाइश नहीं है और इस महीने उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से कम से लेकर सामान्य बारिश होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हालांकि, उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत में धान की रोपाई और अन्य मुख्य फसलों की बुवाई आमतौर पर जुलाई में की जाती है।