- सुझाव लागू होने के बाद पीली पट्टी पर टच होने पर आवेदक नहीं होगा फेल
- 50 से 60 प्रतिशत आवेदक टेस्ट में सिर्फ पीली लाइन की वजह से होते हैं फेल
- गाड़ी को बैक करने में लगने वाले 180 सेकंड को 200 सेकंड करने का सुझाव
Delhi News: दिल्लीवालों को जल्द ही एक बड़ी राहत मिलने वाली है। ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक पर डीएल के लिए टेस्ट में फेल होने वालों की संख्या में कमी लाने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग नियम में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। नियम संशोधन के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी सिफारिश विभाग को सौंप दी है, जिस पर अब चर्चा की जा रही है। परिवहन विभाग के आयुक्त आशीष कुंद्रा ने बताया कि कमेटी ने ड्राइविंग टेस्ट के नियमों में कुछ बदलाव के सुझाव दिए हैं। जिन पर चर्चा की जा रही है, जल्द ही इन्हें लागू कर दिया जाएगा।
बता दें कि दिल्ली में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर डीएल के लिए टेस्ट देते हुए बड़ी संख्या में लोग फेल हो रहे हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए परिवहन विभाग ने तीन सदस्यीय एक कमेटी गठित कर ड्राइविंग टेस्ट के नियमों में कुछ बदलाव के सुझाव मांगे थे। कमेटी ने अपनी सिफारिश में विभाग को सुझाव दिया है कि टेस्ट के दौरान गाड़ी बैक करते वक्त पीली रेखा छूने पर आवेदकों को फेल न माना जाए। जबकि रिकार्ड के अनुसार ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने का यही सबसे बड़ा कारण है। इसके अलावा भी इस कमेटी ने कई सुझाव दिए गए हैं।
कमेटी ने विभाग को दिए ये सुझाव
कमेटी ने अपने सुझाव में गाड़ी को बैक करने और रोकने के नियमों में बदलाव करने की सिफारिश की है। अभी गाड़ी को बैक करने के लिए आवेदकों को 180 सेकंड का समय दिया जाता है, कमेटी ने इसे बढ़ाकर 200 सेकंड करने का सुझाव दिया है। कमेटी ने कहा कि 50 से 60 प्रतिशत लोग टेस्ट में सिर्फ पीली लाइन की वजह से फेल हो जाते हैं। इसे बदल कर रेड लाइट टच होने पर आवेदक को फेल माना जाये। वहीं सीट बेल्ट को रोड सेफ्टी से जुड़ा एक बेहद जरुरी कंपोनेंट मानते हुए कमेटी ने कहा कि कई बार आवेदक ड्राइविंग टेस्ट पूरा कर लेता था, लेकिन बाद में पता चलता था कि उसने सीट बेल्ट ही नहीं लगाई थी। टेस्ट के दौरान सीट बेल्ट अनिर्वाय बनाया जाए। इसके अलावा कमेटी ने बूम बैरियर को अनाश्वयक बताते हुए उसे भी हटाने का सुझाव दिया है। इसी तरह टेस्ट के दौरान मोड़ पर चालक का पैर जमीन पर टच होने पर फेल न करने का सुझाव भी दिया गया है।