नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार शाम हुई हिंसा के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। विपक्ष इस हंगामे एवं हिंसा के लिए भाजपा से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को जिम्मेदार ठहरा रहा है। जबकि भाजपा का कहना है कि इस उपद्रव के लिए लेफ्ट छात्र संगठन जिम्मेदार हैं। नकाबपोश लोगों के हमले में करीब 25 लोग घायल हुए हैं। घायलों में जेएनयू छात्र संगठन की अध्यक्ष आईशी घोष सहित छात्र एवं अध्यापक शामिल हैं। विवि परिसर में हिंसा करने वाले नकाबपोश लोग कौन थे, अभी इस पर रहस्य बना हुआ है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना की जांच का आदेश दे दिया है। आइए एक नजर डालते हैं जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा के मुख्य घटनाक्रम पर-
- शाम करीब 3.45 बजे पेरियार छात्रावास में नकाबपोश लोगों के जुटने की बातें सामने आईं। इसके बाद लेफ्ट के छात्रों पर हमला हुआ।
- शाम चार बजे के करीब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ का शांति मार्च साबरमती टी-प्वाइंट पर शुरू।
- करीब साढ़े पांच बजे सूचना फैलने लगी कि परिसर में नकाबपोश लोग घूम रहे हैं। करीब छह बजे के करीब छत्रों ने पीसीआर को इस बारे में सूचित किया।
- सवा छह बजे के करीब पेरियार छात्रावास के समीप एक शिक्षक को पीटे जाने का मामला सामने आया। शिक्षक ने आरोप लगाया कि नकाबपोश लोगों ने उनकी पिटाई की।
- साढ़े छह बजे के करीब नकाबपोश लोगों का समूह जेएनयूटीए के पास पहुंचा। शिक्षकों ने उनसे बातचीत करनी शुरू की लेकिन नकाबपोश लोगों ने कथित रूप से उन पर हमला किया। इस हमले में कई लोग घायल हुए।
- साढ़े सात बजे के समय जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष पर हमला। हमले में दोनों गुटों के छात्रों के घायल होने की बात सामने आई।
- रात नौ बजे के करीब विश्वविद्यालय में दिल्ली पुलिस की संख्या बढ़ाई गई। छात्रों के साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए स्वराज अभियान के प्रमुख योगेंद्र यादव जेएनयू पहुंचे।
- विश्वविद्यालय में हिंसा की बात सामने आने पर जेएनयू के बाहर अन्य विवि के छात्र पहुंचे। छात्रों ने कहा कि वे अपनी एकजुटता जाहिर करने आए हैं।
- घायल छात्रों को एम्स में भर्ती कराया गया। घायल छात्रों से मिलने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहुंचीं। भाजपा नेता विजय गोयल भी अस्पताल पहुंचे।
- गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से घटना की जानकारी ली और इस हिंसा की जांच का आदेश दिए। रात में आईटीओ स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर छात्र जमा हुए।
जेएनयू हिंसा सामने आने के बाद राजनीतिक एवं क्षेत्रों से जुड़े लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं। सरकार के मंत्रियों ने इस घटना पर दुख जताया जबकि लेफ्ट के नेताओं ने सीधे तौर पर इस घटना के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया है।