- एम्स प्रशासन ने 300 से कम कीमत की सभी जांच की फ्री
- एक्स-रे,अल्ट्रासाउंड व ब्लड जांच के लिए नहीं देना पड़ेंगे पैसे
- प्राइवेट वार्ड रूम के किराए में डेढ़ से दो गुना बढ़ोतरी
Delhi AIIMS: दिल्ली एम्स में इलाज कराने आने वाले देश भर के लाखों मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। एम्स प्रशासन ने उन सभी जांचों को निशुल्क कर दिया है, जिनका मूल्य 300 रुपये से कम है। इस संबंध में एम्स प्रशासन द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इस घोषणा के बाद अब एम्स के अंदर मरीजों को एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड व कई तरह की ब्लड जांच के लिए पैसे नहीं देने पड़ेंगे। प्रशासन ने शुल्कों में यह छूट आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को ध्यान में रख कर दी है, वहीं दूसरी तरफ इस छूट की भरपाई के लिए एम्स के प्राइवेट वार्ड का शुल्क डेढ़ से दोगुना बढ़ा दिया गया है। एम्स प्रशासन के इस छूट के बाद जहां मरीजों को आर्थिक रूप से फायदा होगा, वहीं बेमतलब की भागदौड़ से भी राहत मिलेगी।
अभी छोटी से छोटी जांच के लिए भी मरीजों को बार-बार जांच शुल्क जमा करने के लिए काउंटर पर लाइन लगानी पड़ती है। अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा। वहीं एम्स प्रशासन का मानना है कि, प्राइवेट वार्ड में आर्थिक रूप से सक्षम मरीज ही भर्ती होते हैं, इसलिए इसका शुल्क बढ़ाकर इस घाटे की भरपाई की जा सकती है। प्रशासन के अनुसार, करीब 10 साल बाद प्राइवेट वार्ड के शुल्क में बदलाव किया गया है। एम्स प्रशासन ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि, इन दोनों प्रस्तावों को 21 मार्च को संस्थान के वित्त कमेटी ने मंजूरी दी थी। जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से स्वीकृति मिलने पर इसे अब लागू कर दिया गया।
प्राइवेट वार्ड में अब यह होगी फीस
एम्स प्रशासन के अनुसार, प्राइवेट वार्ड में अब बी श्रेणी के कमरे का शुल्क दो हजार रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये कर दिया गया है। इसी तरह डीलक्स श्रेणी के कमरे का शुल्क भी तीन हजार रुपये से बढ़ाकर अब छह हजार रुपये कर दिया गया है। यह वर्तमान शुल्क से दोगुना अधिक है। ये सभी बढ़े हुए शुल्क एक जून से लागू हो जाएंगे।
पांच साल से लंबित थी मांग
बता दें कि, एम्स प्रशासन के पास मरीजों को जांच में छूट देने की मांग करीब पांच साल से लंबित थी। एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने इस पर सुनवाई के लिए वर्ष 2017 में एक कमेटी भी गठित की थी। वहीं पिछले साल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एम्स में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के लिए गठित कमेटी ने भी प्राइवेट वार्ड का शुल्क बढ़ाने और 500 रुपये तक की जांच शुल्क मुफ्त करने की सिफारिश की थी। इन सिफारिशों पर अब सुनवाई हुई। सभी छूट और बढ़े हुए शुल्क एक जून से लागू हो जाएंगे।