- पैसे के लालच में मां ने बेचा तीन दिन का नवजात बच्चा
- नहीं मिले पूरे पैसे तो कर दी महिला आयोग में शिकायत
- बच्चे की मां समेत आठ आरोपी हुए गिरफ्तार, बच्चा बरामद
Delhi News: पैसे के लालच ने एक मां को ऐसा निर्दयी बना दिया कि, उसने अपना ही बच्चा पैदा होने के तीसरे दिन बेच दिया, लेकिन जब इसके बदले उसे तयशुदा रकम नहीं मिली तो वह अपने बच्चे को वापस पाने के लिए महिला आयोग के पास पहुंच गई। महिला की इस एक गलती ने बच्चा तस्करी से जुड़े पूरे गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया। अब लालची मां समेत आठ लोग जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस की मदद से साढ़े सात माह के बच्चे को गुरुग्राम से बरामद कर लिया। महिला आयोग के मुताबिक, बच्चे की मां खारक गांव निवासी नीतू आयोग के पास अपना बच्चा दिलवाने की शिकायत लेकर पहुंची थी।
उसने बताया कि, उसने एक व्यक्ति को अपना बच्चा पांच लाख रुपये में बेचा था, लेकिन इसके बदले उसे केवल 20 हजार रुपये मिला। जब सात माह गुजर जाने के बाद भी उन्हें शेष धनराशि का भुगतान नहीं हुआ है तो उसने शिकायत की। जांच के दौरान आयोग को पता चला कि, जिस महिला ने शिकायत की है उसके पहले से ही चार बच्चे थे। पाचंवे बच्चे को उसने बेच दिया था। इसके बाद आयोग ने थाना मैदान गढ़ी में एफआईआर दर्ज करवाई। आयोग के अनुसार इस मामले में बच्चे की मां समेत बच्चे की तस्करी और बिक्री में शामिल आठ लोगों को हिरासत में ले लिया। बच्चे का पिता मामले के सामने आने के समय से ही फरार है।
आईवीएफ सेंटर में बेचा गया था बच्चा
दक्षिणी जिले की पुलिस उपायुक्त बेनिता मेरी जैकर ने बताया कि, दिल्ली महिला आयोग के सलाहकार द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी कि, एक महिला ने अपने तीन दिन के बच्चे को अपने दोस्त की मदद से बेंच दिया है। शिकायत के आधार पर जब पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि, 25 अक्टूबर की रात मदन मोहन मालवीय अस्पताल में नीतू ने एक नवजात लड़के को जन्म दिया था। जिसके बाद 28 मई को गाजियाबाद के प्रताप विहार स्थित एक आईवीएफ सेंटर में बच्चे को पांच लाख में बेच दिया गया। यहां से इस बच्चे को भोंडसी निवासी दिग्विजय सिंह और पिंकू देवी ने खरीद लिया।
पूछताछ में पुलिस को मिली यह जानकारी
दिग्विजय ने पूछताछ में बताया कि, उनके 17 वर्षीय बेटे की साल 2019 के पांच फरवरी को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी और आईवीएफ तकनीक से भी उन्हें बच्चा नहीं प्राप्त हो रहा था, इसलिए उन्होंने यह बच्चा खरीदा। इस मामले में आरोपियों की पहचान खारक गांव निवासी नीतू, संगम विहार निवासी सोनिया, संगम विहार निवासी विनीत, आनंद पर्बत निवासी मीना, गाजियाबाद के गुलमोहर एंक्लेव निवासी रेखा अग्रवाल, गाजियाबाद के डासना देहात स्थित याशीन गढ़ी निवासी मोनी बेगम और भोंडसी निवासी पिंकू देवी व दिग्विजय सिंह के रूप में हुई है।