नई दिल्ली: कोरोना वयारस के बढ़ते के कारण इन दिनों एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर की डिमांड काफी बढ़ गई है। साथ ही रेमडेसिविर की कालाबाजारी भी हो रही है। पुलिस लगातार रेमडेसिविर के धंधेबाजों पर लगाम कसन में जुटी हुई है। अब दिल्ली पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन को अवैध रूप से बेचने वाले दो नर्सिंग स्टाफ को धर दबोचा है। नर्सिंग स्टाफ अस्पताल में कोरोना मरीजों की मौत के बाद इंजेक्शन की चोरी करता था और फिर उन्हें अधिक दामों पर बेच देता था। आरोपियों की पहचान 27 वर्षीय डोमाथोटी यशवंत राव और 28 वर्षीय दीपक सिंह के रूप में की गई है।
'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में महाराजा अग्रसेन अस्पताल के दो नर्सिंग स्टाफ को रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। स्टाफ यह इंजेक्शन तब चोरी करता था, जब कोरोना मरीज की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो जाती थी। कोविद पीड़ितों के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवा की पांच शीशियों को भी बरामद किया गया है। आरोपी यशवंत राव और दीपक सिंह आईसीयू वॉर्ड में काम करते हैं।
दरअसल, वेस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस के विशेष स्टाफ को सूचना मिली थी कि यशवंत सौदा होने के बाद पंजाबी बाग के फ्लाईओवर के पास एक कोरना मरीज के परिजनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन देने आएगा। पुलिस ने कहा, 'इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक जाल बिछाया और शनिवार शाम उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से दो रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गए। यशवंत के पकड़े जाने के बाद उसका सहयोगी दीपक भी गिरफ्तार कर लिया गया और उसके कब्जे से तीन रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गए।
पुलिस ने आगे बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे मरीजों के इंजेक्शन चुराते थे, जिनकी इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो जात। इसके बाद उन्हें 30,000 रुपए में बेच देते थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कर ली है। बता दें कि अब तक राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न निजी अस्पतालों के चार नर्सिंग स्टाफ को अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी करने और उन्हें अवैध रूप से ऊंची कीमत पर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।