नई दिल्ली: पिछले साल दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों को एक साल पूरा हो गया है। पिछले साल 23 फरवरी को दिल्ली के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक दंगे भड़के थे, जिसमें अगले कुछ दिनों तक दिल्ली खूब जली थी। इस हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। अब एक साल बाद इन दंगों पर बोलते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले साल उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे के बाद स्थिति जब सामान्य हो रही थी तब हमने विभिन्न समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत की। इससे लोगों को विश्वास हुआ और स्थिति सामान्य हुई। 755 शिकायतों को दर्ज किया और 1,800 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए।
उन्होंने कहा, 'जिन लोगों ने दंगों की साजिश रची उनके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई हुई है। 350 से ज्यादा मामलों में चार्जशीट दाखिल हो गई है। 400 से ज्यादा मामलों को हल कर लिया गया है और कोर्ट में विचाराधीन है।'
गृह मंत्री ने दंगों पर सदन में दिया था बयान
गृह मंत्री अमित शाह ने उस समय संसद में बयान देते हुए कहा था, 'दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी, इस बारे में सवाल पूछे गए हैं। पुलिस तब ग्राउंड पर थी, पुलिस जांच करेगी और आने वाले दिनों में रिपोर्ट देगी। मैं दिल्ली पुलिस की प्रशंसा करना चाहूंगा कि दंगों को अन्य क्षेत्रों में नहीं फैलने दिया गया। दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे के भीतर दंगों को रोका।'
खुद पर उठ सवालों को लेकर उन्होंने कहा कि मैं लगातार पुलिस के संपर्क में बना हुआ था। मैंने ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को हिंसा प्रभावित इलाकों में भेजा था। मैं जाता तो पुलिस मेरे पीछे लग जाती, जबकि उस समय पुलिस का काम हिंसा रोकना था। अहमदाबाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यक्रम में इसलिए गया क्योंकि वो मेरे संसदीय क्षेत्र में था। तब हिंसा की कोई खबर नहीं थी। इसके बाद मैं ट्रंप के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ। यूएस प्रेसिडेंट का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था, यह मेरे निर्वाचन क्षेत्र में था, मेरी यात्रा भी पूर्व निर्धारित थी। अगले दिन, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिल्ली का दौरा किया, मैं किसी भी कार्यक्रम में उपस्थित नहीं था। पूरे समय मैं पुलिस अधिकारियों के साथ बैठा रहा।