- 20-20 हजार के दो इनामी बदमाश अरेस्ट
- गिरफ्तार दोनों आरोपियों के नाम अरशद खान व मुश्ताक खान है
- युवतियों की फेसबुक पर फेक आइडी बनाकर हनीट्रेप में फंसाते थे लोगों को
Delhi Honey Trap Case: दिल्ली पुलिस की विशेष सेल को 20 - 20 हजार के दो इनामी बदमाशों को अरेस्ट करने में सफलता मिली है। दोनों ही आरोपी मेवाती गिरोह के सदस्य हैं। जिनकी दिल्ली पुलिस को लंबे समय से तलाश थी। पुलिस ने बताया कि मेवाती गैंग युवतियों की नकली आइडी के जरिए लोगों को चैटिंग के लिए फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर उनको अशलील हरकतें करने के लिए मजबूर करते थे। इसके बाद गिरोह के लोग इनके जाल में फंसे लोगों का वीडियो तैयार कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूलते थे।
डीसीपी जसमीत सिंह ने बताया कि मेवाती गिरोह के गिरफ्तार किए गए राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले दोनों आरोपियों के नाम अरशद खान व मुश्ताक खान है। उन्होंने बताया कि आरोपी हनीट्रेप के जाल में फंसाकर दिल्ली के एक वकील से 20 लाख की मोटी रकम मांंग रहे थे। आरोपियों ने रूपए नहीं देने पर वकील को उसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने लगे।
आरोपी के पास मिली पिस्टल व 3 जिंदा कारतूस
डीसीपी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की तरफ से दोनों पर 20-20 हजार का इनाम घोषित था। आरोपी पुलिस को 9 महिने से चकमा दे रहे थे। उन्होनें बताया कि एसीपी अतर सिंह व निरीक्षक ईश्वर सिंह ने टीम सहित सबसे पहले छतरपुर के फूल बाजार से आरोपी अरशद को दबोचा। इसके बाद आरोपी से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद राजस्थान के दौसा से मुश्ताक को पकड़ा। डीसीपी ने बताया कि दोनों आरोपियों के विरूद्ध दिल्ली के बाराखंभा रोड़ थाने में मामला दर्ज है। कोर्ट ने गत मई माह में दोनों को मफरूर घोषित किया था। पुलिस ने बताया कि तलाशी में आरोपी अरशद के पास एक पिस्टल व 3 जिंदा कारतूस मिले हैं।
ऐसे जाल बिछाता था मेवाती गैंग
डीसीपी जसमीत सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों ने खुलासा किया है कि वह फेसबुक पर युवतियों की फेक आइडी बनाकर लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर चैटिंग के लिए लुभावनी बातेंं कर आकर्षित करते थे। इसके बाद हनीट्रेप के जरिए अशलील हरकतों के वीडियो बनाकर जाल में फंसे लोगों से रूपए की डिमांड करते थे। गैंग के लोग रूपए नहीं देने पर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर लोगों को ब्लैकमेल करते थे। डीसीपी के मुताबिक आरोपियों ने बताया कि गैंग का सरगना सद्दाम हुसैन है। इस इंटर स्टेट सिंडिकेट गैंग में बहुत लोग जुड़े हैं। डीसीपी सिंह के मुताबिक आरोपियों ने बताया कि उनके जाल में फंसे लोगों से मिलने वाली रकम वे दूसरों के बैंक अकाउंट में जमा करवाते थे। इसके बाद गिरोह के लोगों में बांट लेते थे। उन्होंने बताया कि फेक आइडी बनाने के लिए भोले भाले लोगों के नाम से सिमकार्ड इश्यू करवाते थे। वहीं कई बार फेक डॉक्यूमेंट के जरिए भी सिमकार्ड खरीदते थे।