- प्रदूषण की वजह से दिल्ली में अभी बंद हैं स्कूल और कॉलेज
- गोपाल राय ने बताया कि स्कूल खोलने पर फैसला कौन करेगा
- पर्यावरण मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग का प्रस्ताव उन्हें मिला है
नई दिल्ली : प्रदूषण की वजह से राजधानी दिल्ली में स्कूल बंद हैं लेकिन बीते कुछ दिनों से प्रदूषण के स्तर में होते सुधार को देखते हुए स्कूलों को दोबारा खोले जाने की बात उठने लगी है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने स्कूलों के दोबारा खोले जाने को लेकर बयान दिया है। राय ने सोमवार को कहा कि उनके विभाग ने शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के पास भेजा है। राजधानी में प्रदूषण के स्तर पर राय ने सोमवार को समीक्षा बैठक की। इसके बाद उन्होंने यह जानकारी दी।
प्रदूषण के खिलाफ प्रतिबंधों में ढील पर फैसला सीएक्यूएम करेगा
राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के खिलाफ प्रतिबंधों में ढील देने के लिए सीएक्यूएम को अधिकृत किया है। इस बारे में सीएक्यूएम के निर्णय पर दिल्ली सरकार फैसला करेगी। मंत्री ने बताया कि शिक्षा विभाग ने कक्षा छठवीं से ऊपर के स्कूलों एवं कॉलेजों को तत्काल खोलने एवं प्राइमरी से कक्षा पांच तक के स्कूलों को 20 दिसंबर से खोले जाने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा, 'जरूरी सेवाओं वाले ट्रकों को छोड़कर भारी वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक जारी रहेगी।'
16 दिसंबर को फिर होगी बैठक
उन्होंने कहा कि कई एजेंसियों ने निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध हटाने के लिए मौखिक अनुरोध किया है। राय ने कहा, ‘हमने उन्हें, हमें और सीएक्यूएम को एक आवेदन भेजने का निर्देश दिया है। हम इस संबंध में 16 दिसंबर को एक समीक्षा बैठक करेंगे।’मंत्री ने कहा कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक एक दिसंबर से 12 दिसंबर तक 250 से 325 के बीच रहा, लेकिन विशेषज्ञों ने अगले तीन दिनों में हवा की गुणवत्ता में मामूली गिरावट का अनुमान जताया है।
46 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
राय ने कहा कि धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जल छिड़काव अभियान जारी रहेगा और अग्निशमन विभाग, नगर निकायों और अन्य विभागों को आवश्यक निर्देश जारी किये गए हैं। धूल विरोधी अभियान के तहत 6,953 स्थलों का निरीक्षण किया गया है और 597 स्थलों पर उल्लंघन करने के मामले में 1.65 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। राय ने कहा कि आग जलाने के खिलाफ अभियान के तहत 16,580 स्थलों की जांच की गई है और 2,490 स्थलों पर उल्लंघन करने पर 46 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।