नई दिल्ली: कोरोना को लेकर देश दुनिया में बेहद सावधानी बरती जा रही है वहीं दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी प्रदर्शनकारी अब भी धरनास्थल खाली नहीं करने की जिद पर अड़े हैं। प्रदर्शनकारियों को जिला प्रशासन की ओर से मेडिकल टीम भेजने का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उन्होंने मना कर दी।
वहीं माना जा रहा है कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश नाम संबोधन के बाद रास्ता खाली करने पर सहमति बन सकती है वहीं कहा जा रहा है कि वहां जारी प्रदर्शन में कुछ बदलाव किए जायेंगे इसमें शामिल है- बच्चों और बुजुर्गों को अब प्रदर्शन स्थल पर आने की अनुमति नहीं होगी वहीं किसी भी प्रदर्शनकारी को धरनास्थल पर 4 घंटे रुकने की परमीशन होगी यानि 4 घंटे तक ही कोई वहां रुक सकता है।
इसके अलावा कि अब प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा और माइक से कोई भी एनाउंसमेंट नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शाहीन बाग में 96 दिन से धरना जारी है। इसी बीच देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए किसी भी स्थान पर 50 से अधिक लोगों के एकत्र होने की मनाही है। बावजूद इसके, शाहीन बाग में लोगों की भीड़ एकत्र हो रही है।
भीड़ को देखते हुए वहां कोरोना वायरस का खतरा बढ़ा हुआ है। फिर भी प्रदर्शनकारी धरने पर डटे हुए हैं। प्रदर्शन में महिलाओं के साथ-साथ बुजर्ग और बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। कोरोना के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारी प्रदर्शनकारियों को मनाने में जुटे हैं।
प्रदर्शनकारी महिलाएं कर रही हैं हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल
प्रधानमंत्री की अपील पर देशभर में रविवार को जनता कर्फ्यू की तैयारी की जा रही है। मगर शाहीनबाग की महिलाओं ने जनता कर्फ्यू में शामिल होने से इनकार कर दिया है। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए इन महिलाओं ने हालांकि सावधानी बरतनी शुरू कर दी है।
यहां प्रदर्शनकारी महिलाएं हाथों को साफ रखने के लिए हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रही हैं, नाक-मुह हमेशाा ढंके रहती हैं और एक जगह 50 से ज्यादा लोगों की भीड़ न लगे, इसका ध्यान रख रही हैं।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने आईं एक प्रदर्शनकारी ने कहा, हम सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं। पहले पंडाल के अंदर 500 लोग एक जगह मौजूद हुआ करते थे, वहीं अब केवल 40-50 महिलाएं एक साथ बैठती हैं। हमलोग अलग-अलग गुट बनाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई महिलाएं पंडाल के पीछे की ओर बैठी हैं। कुछ महिलाएं बस स्टॉप के आसपास तो कुछ महिलाएं सामने की ओर अलग जाकर बैठी हैं। हमलोगों ने यहां किसी भी एक स्थान पर 40-50 से ज्यादा की संख्या में एकत्र न होने का फैसला किया है।
वहीं, एक अन्य प्रोटेस्टर ने कहा, हम लोग अपने साथ हैंड सैनिटाइजर लेकर आए हैं। हम अपने हाथों को बार-बार पानी से धो रहे हैं। हमने नाक और मुंह को भी ढककर रखा है, ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण यहां ना फैल सके।