- दिल्ली सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन
- एक जून से सचिवालय में नहीं मिलेगा प्लास्टिक का सामान
- पूरे दिल्ली में एक जुलाई से प्रभावी होगा यह बैन
Delhi Secreteriat Plastic Ban: दिल्ली सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर बड़ा फैसला किया है। एक जून से दिल्ली सचिवालय के अंदर सिंगल यूज प्लास्टिक और इससे बनी वस्तुओं पर रोक लग जाएगी। सरकार के इस नए नियम की जानकारी आप सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध से एक महीने पहले ही प्रभावी हो जाएगी।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार अब यह सुनिश्चित करेगी कि, सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प जैसे कागज से बने प्लेट, कप, स्ट्रा का इस्तेमाल दिल्ली सचिवालय परिसर में किया जाए। उन्होंने कहा कि सचिवालय कर्मचारियों को भी निर्देश जारी कर सिंगल यूज प्लास्टिक से बने बोतल से भी बचने को कहा जाएगा। इसके स्थान पर अब कुल्हड़, स्टील के ग्लास या कागज के बने कप का प्रयोग ही पानी पीने के लिए किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में जारी किया था अधिसूचना
बता दें कि, पिछले साल अगस्त में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की थी। जिसके अनुसार एक जुलाई 2022 से पॉलिस्ट्रीन सहित चिह्नित सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादों के विनिर्माण, आयात, भंडारण और वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक रहेगी। इस चिह्नित सिंगल यूज प्लास्टिक के सामान में कान साफ करने की डंडी, पॉलिस्ट्रीन (थर्माकोल) से बने प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, गुब्बारों में लगने वाली प्लास्टिक की डंडी, चॉकलेट आइसक्रीम की प्लास्टिक की डंडी, मिठाई के डिब्बों को लपेटने के लिए पन्नी, सिगरेट के पैकेट, निमंत्रण कार्ड और 100 माइक्रोन से कम मोटे प्लास्टिक या पीवीसी के बैनर शामिल हैं।
दिल्लीवालों के पास 30 जून तक का समय
बता दें कि दिल्ली में सभी निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं, आम जनता और दुकानदारों को पहले ही 30 जून तक सिंगल यूज वाले प्लास्टिक का स्टॉक खत्म करने को कहा गया है। साथ ही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने भी कच्चे माल के सभी निर्माताओं को प्रतिबंधित एसयूपी उत्पादों के उपयोग में लगे लोगों को प्लास्टिक की वस्तुओं की आपूर्ति बंद करने के लिए भी कहा है। इसके अलावा शहर में कचरा फैलाने वाले हॉटस्पॉट की पहचान करने और निपटारा करने के लिए सर्वे भी किया जा रहा है।