- दिल्ली में स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की कर रहे बिजली बचत में मदद
- इन मीटर की मदद से पता कर सकते हैं ज्यादा बिजली खपत की वजह
- दिल्लीवालों ने स्मार्ट मीटर से एक साल में बचाई 6 करोड़ यूनिट बिजली
Delhi Smart Meter: राजधानी में इस बार बिजली की डिमांड को पूरा करना बिजली वितरण कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। बिजली बचाने और खपत घटाने के लिए अब तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। बिजली बचत में इस समय स्मार्ट मीटर बड़ी भूमिका निभा रहा है। टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के नए स्मार्ट मीटर के रहते आपको बिजली बिल की टेंशन नहीं होगी। उपभोक्ता इस मीटर के जरिए बिजली खपत का रीयल टाइम लोड मालूम कर आसानी से अपने बिजली बिल को कांट्रोल कर सकते हैं। टीपीडीडीएल द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार राजधानी के उपभोक्ताओं ने इस मीटर की मदद से एक साल में लगभग छह करोड़ यूनिट बिजली की बचत की है।
बता दें कि टीपीडीडीएल ने पिछले साल राजधानी के अंदर अपने बिजली वितरण क्षेत्र में लगे उपभोक्ताओं के मीटर को स्मार्ट मीटर में बदलने की शुरुआत की थी। कंपनी ने वर्ष 2025 तक 18 लाख उपभोक्ताओं के नार्मल मीटर को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा है। इस योजना के पहले चरण में तीन फेज वाले 50 हजार और तीन फेज वाले दो लाख मीटर बदले जाएंगे। वहीं दूसरे चरण में साढ़े पांच लाख स्मार्ट मीटर बदलने का लक्ष्य है। कंपनी के अनुसार अब तक राजधानी में लगभग 2.80 लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं।
उपभोक्ता इस मीटर की मदद से ऐसे बचा सकते हैं बिजली
टीपीडीडीएल के अनुसार इस स्मार्ट मीटर की मदद से उपभोक्ता को यह जानकारी मिलती है कि किस समय और किस वजह से ज्यादा बिजली खर्च होती है। यह पता चलने के बाद उपभोक्ता बिजली की खर्च को नियंत्रित कर सकता है। बिजली का लोड बढ़ने पर उपभोक्ता गैर जरूरी उपकरण को बंद कर खर्च को कंट्रोल कर सकता है। इससे पीक ऑवर में बिजली वितरण कंपनी को राजधानी में बिजली प्रबंधन करने में मदद मिलेगी। इस स्मार्ट मीटर की मदद से जहां उपभोक्ताओं को बिजली खपत की सही रीडिंग मिलेगी, वहीं बिजली लाइन में खराबी की जानकारी भी तत्काल बिजली वितरण कंपनी को मिल जाएगी। जिससे उसे ठीक कर जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल की जा सकती है।