- ओखला लैंडफिल साइट के तेहखंड पर लगेगा कचरे से बिजली बनाने का प्लांट
- यह प्लांट प्रतिदिन 2,000 टन कचरे की खपत कर 25 मेगावाट बिजली बनाएगा
- अक्टूबर माह से शुरू होगा प्लांट का निर्माण, दो साल में होगा पूरा
Delhi Electricity News: राजधानी से निकलने वाले कचरे से घर को रोशन की योजना सिरे चढ़ने लगी है। कचरे से बिजली बनाने के लिए अब एक नया प्लांट ओखला लैंडफिल साइट पर तेहखंड स्थापित किया जाएगा। दिल्ली नगर निगम ने प्लांट का निर्माण शुरू करने के लिए समय सीमा अक्टूबर निर्धारित की है। निगम की योजना इस प्लांट में प्रतिदिन 2,000 टन कचरे की खपत कर उससे 25 मेगावाट बिजली पैदा करना है। निगम ने कचरे के प्रबंधन और लैंडफिल पर डंपिंग को रोकने के लिए दो साल की योजना बनाई है, जिसके तहत ये प्लांट लगाया जा रहा है।
निगम अधिकारियों के अनुसार, दक्षिण निगम प्रतिदिन 3600 टन कचरा एकत्रित करता है। इसमें से 1500 टन कचरा ओखला में पहले कचरे से बिजली बनाने के प्लांट में जाता है। इस प्लांट से अभी 21 मेगावाट बिजली पैदा की जाती है। वहीं तेहखंड में बनने जा रहे वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को 15 एकड़ में बनाया जाएगा। इसे पीपीपी मॉडल के तहत 375 करोड़ रुपये में विकसित किया जाएगा। इस योजना के लिए आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत 105 करोड़ रुपये देगा।
ओखला लैंडफिल की भी बढ़ाई जाएगी क्षमता
इस प्लांट की जरूरत व फायदे के बारे में बताते हुए निगम अधिकारियों ने कहा कि इस प्लांट का बनना राजधानी के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि ओखला लैंडफिल अब पूरी तरह से फुल हो चुका है, यह अब और कचरा संभालने की स्थिति में नहीं है। इसलिए तेहखंड प्लांड बनने से प्रतिदिन 2,000 टन कचरे को खपाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा निगम कचरे की कंपोस्टिंग करने के लिए अपने मौजूदा प्लांट की क्षमता को अप्रैल 2023 तक बढ़ाने पर भी काम कर रहा है। हाल ही में ओखला लैंडफिल में कंपोस्टिंग के लिए समझौता किया गया है। जिसके तहत 200 टीपीडी के बजाय अब 300 टीपीडी बायोडिग्रेडेबल ठोस अपशिष्ट का प्रसंस्करण किया जाएगा। वहीं योजना के दूसरे फेज में इस क्षमता को बढ़ाकर 500 टीपीडी कर दिया जाएगा।