- दिल्ली सरकार टीकाकरण में आई कमी के लिए टीकों की आपूर्ति को जिम्मेदार बता रही है
- दिल्ली में करीब 1,374 वैक्सीनेशन सेंटर
- बुधवार को 56 फीसद टीकाकरण केंद्र बंद मिले
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन ही सबसे बड़ा हथियार है। लेकिन देश के कई राज्य बार बार शिकायत कर रहे हैं उनके पास टीके की दिक्कत है, यह बात अलग है कि केंद्र सरकार के मुताबिक टीकों की कमी नहीं है। दिल्ली के बारे में कहा जा रहा है कि लोग वैक्सीनेशन सेंटर पर जाते हैं लेकिन बिना टीकाकरण लौटना पड़ता है। बुधवार को मंगलवार की तुलना में करीब 56 फीसद वैक्सीनेशन टीकों की आपूर्ति कम होने की वजह से बंद थे। दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहना है कि गुरुवार को भी टीकाकरण की रफ्तार कम रह सकती है।
दिल्ली में कुल 1, 374 वैक्सीनेशन सेंटर
दिल्ली में बुधवार को 671 वैक्सीनेशन सेंटर पर कुल 64 हजार डोज दिए गए जबकि कुल केंद्रों की संख्या 1,374 है। अगर बात मंगलवार की करें तो 1 लाख 29 हजार डोज दिए गए थे। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि डोज की कमी की वजह से टीकाकरण में कमी आई। इसके साथ ही कहा कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा चुका है। दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था को और चाकचौबंद किया जा रहा है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र सरकार पर आरोप मढ़ कर अपना पल्ला झाड़ लिया। लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि दरअसल ज्यादातर राज्यों की आदत बन चुकी है कि वो अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए तरह तरह के आरोप लगाते हैं। हकीकत यह है कि आज भी ज्यादातर राज्यों में टीकों का नुकसान हो रहा है। बता दें कि दिल्ली में अलग अलग राज्यों की तरह ही कोविन ऐप या टीकाकरण केंद्रों पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। इसके साथ ही दूसरे राज्यों की ही तरह 18 से 44 एज ग्रुप में लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है।