- दिल्ली सरकार सिंगापुर तकनीक की मदद से लगा रही कोरोनेशन प्लांट
- इन कोरोनेशन प्लांट में प्रतिदिन किया जा सकेगा 70 एमजीडी वेस्ट वॉटर को ट्रीट
- यमुना में डायरेक्ट नहीं गिरेगा सीवर का पानी, छोड़ा जाएगा सिर्फ स्वच्छ पानी
Clean Yamuna: राजधानी के अंदर यमुना नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक नई योजना तैयार की है। जिसके तहत अब सिंगापुर की तकनीक की मदद से यमुना को साफ किया जाएगा। इस योजना पर सरकार ने काम शुरू भी कर दिया है। आप सरकार का लक्ष्य 2025 तक यमुना को पूरी तरह से स्वच्छ बनाना है। यह जानकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुराड़ी स्थित कोरोनेशन प्लांट के निरीक्षण के दौरान दी। उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े कोरोनेशन प्लांट से जहां यमुना साफ होगी, वहीं इससे दिल्ली की प्यास भी बुझेगी। यह 70 एमजीडी क्षमता का पूरी तरह से स्वचालित प्लांट है।
इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए जल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि सबसे पहले सीवर के पानी को कोरोनेशन प्लांट से पानी को एडवांस ट्रीटमेंट प्लांट में लाया जाएगा। जहां से इसे ट्रीट कर यमुना में छोड़ा जाएगा। इससे एक तरफ जहां प्रतिदिन 50 से 60 एमजीडी पानी दोबारा उपयोग किया जा सकेगा, वहीं यमुना में छोड़ा जाने वाला पानी भी साफ रहेगा। केंद्र सरकार से इस पानी को पीने में इस्तेमाल करने के लिए अनुमति मिल गई है और अपर यमुना रिवर बोर्ड ने सारे पैरामीटर्स पर जांच की है।
सीवर का पानी साफ कर यमुना में डाला जाए
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि अभी दिल्ली का जितना भी सीवर का पानी यमुना में जाता है, उसे साफ करने के बाद ही यमुना में डाला जाएगा। इसके लिए ये कोरोनेशन प्लांट लगाए जा रहे हैं जो प्रतिदिन 70 एमजीडी सीवर को ट्रीट करेंगे। यह पूरी तरह से एक आधुनिक प्लांट है। इसमें सब कुछ ऑटोमेटिक है। इसमें स्काडर सिस्टम लगा हुआ है जिसके जरिये एक बटन को दबाकर पूरे प्लांट में किसी भी मशीनरी को शुरू या बंद किया जा सकता है।
सिंगापुर की तकनीक का इस्तेमाल
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने इस प्लांट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह सिंगापुर की तकनीक है। इस प्लांट पर 515.07 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कोरोनेशन प्लांट की मदद से रूप नगर, दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर, शक्ति नगर, कमला नगर, नेहरू विहार और विश्वविद्यालय के क्षेत्रों से निकलने वाले वेस्ट वॉटर को पूरी तरह से शोधित किया जाएगा। इसके अलावा भलस्वा, संत नगर, स्वरूप नगर और वजीराबाद ग्रुप ऑफ कालोनियों जैसी अनाधिकृत कालोनियों से निकलने वाले सीवेज को भी अब यहीं पर ट्रीट किया जाएगा।