- नर्सिंग और प्री मेडिकल स्टूडेंट्स को दिल्ली पुलिस और एम्स ने मिलकर सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी।
- ट्रेनिंग कैम्प में करीब 1000 छात्राओं को सेल्फ डिफेंस में ट्रेन किया गया।
- किसी अनचाही स्थिति में ये छात्राएं इन हथियारों का इस्तेमाल कर अपना बचाव कर सकती है।
नारी सशक्तिकरण का नारा अब पूरे देश में गूंज रहा है नारी इतनी सशक्त बने की उसे किसी और की मदद की जरूरत न पड़े इस ओर सरकार विभिन्न स्तर पर अलग-अलग कदम उठा रही हैं और ऐसा ही कदम देश के सबसे बड़े अस्तपताल में एम्स में देखने को मिला जहां सैकड़ों की संख्या में नर्सिंग और प्री मेडिकल स्टूडेंट्स को दिल्ली पुलिस और एम्स ने मिलकर सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी।
तीन दिन के इस ट्रेनिंग कैम्प में करीब 1000 छात्राओं को सेल्फ डिफेंस में ट्रेन किया गया। देश भर में लाखों लड़कियों को ट्रेन करने वाले, लिम्का "बुक ऑफ रिकॉर्ड" में अपना नाम दर्ज करवा चुके शिव कुमार कोहली और दिल्ली पुलिस की लेडी सिंघम एसआई किरण ने इन छात्राओं को छोटी छोटी टेक्निक से आत्म सुरक्षा का पाठ सिखाया और बताया कि कैसे उनके हाथ का मोबाईल, हेयर पिन, उनके कॉलेज का बैग उनका हथियार बन सकता है। किसी अनचाही स्थिति में ये छात्राएं इन हथियारों का इस्तेमाल कर अपना बचाव कर सकती है।
इस कैम्प में आयी छात्राओं ने माना कि वो अक्सर अपने को असुरक्षित महसूस करती है और इन तीनो की ट्रेनिंग ने उनके अंदर एक अलग सा आत्मविश्वास पैदा किया है। नर्सिंग की स्टूडेंट कोमल का कहना है कि अब अगर भविष्य में वो इस तरह की स्थिति में आती है जिसमे वो असुरक्षित हो तो उस स्थिती में वो अपने को आसानी से बचा सकेंगी और सामने वाले को माक़ूल जवाब दे सकती है।
मेडिकल स्टूडेंट गायत्री चौहान ने बताया कि वो मानती है कि लड़की चाहे घर मे रहे या बाहर निकले उसके साथ एक असुरक्षा का माहौल रहता है कि खासकर उस वक्त जब सड़को पर भीड़ कम हो जाती है इसलिए हर एक लड़की को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेनी बहुत जरूरी है।
मेडिकल स्टूडेंट डिप्टी का कहना है कि सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग उन्हें स्कूल के वक्त से ही देनी चाहिए जिससे लड़की जब बड़ी हो तो उनमे एक आत्मविश्वास पहले से ही मौजूद हो। वो खुद एक मेडिकल छात्रा है और उन्होंने देखा कि अस्तपताल में शारीरिक शोषण का दंश झेली लड़कियों की स्थिति क्या होती है इसलिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग को हर लड़की के जरूरी कर देना चाहिए।
इन छात्राओं को न सिर्फ लड़ने और फिट रहने की ट्रेनिंग यहां दी गई बल्कि उन्हें मानसिक रूप से कैसे मजबूत बनना है उसके लिए भी खास बातें बताई गई। इस कैम्प में इन छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, दिल्ली पुलिस से DCP साउथ बेनीटा मेरी जैकर भी पहुंची और इन छात्राओं को आत्म सुरक्षा का महत्व समझाया।