चंडीगढ़ : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 20 फरवरी को होने वाले पंजाब चुनाव के लिए शनिवार को अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें राज्य के युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण तथा निजी नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण समेत कई रियायतों का वादा किया गया है। भाजपा ने पंजाब में सत्ता में आने पर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, बेरोजगारी भत्ता देने, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास का भी वादा किया है।
घोषणापत्र के अनुसार चुनाव के लिए नामांकन फॉर्म भरने से पहले 'डोप टेस्ट' अनिवार्य किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि स्नातक करने वालों को डिग्री पूरी करने के बाद दो साल के लिए 4,000 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाएगा। घोषणापत्र में अनुबंध वाली नौकरियों सहित सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण का वादा किया गया। महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा, उत्पीड़न और प्रताड़ना से निपटने के लिए त्वरित अदालतें स्थापित की जाएंगी। उन महिलाओं के मामलों से निपटने के लिए एक विशेष कानून बनाया जाएगा, जिनके पति उन्हें छोड़कर दूसरे देशों में बस चुके हैं।
ऐसा है इस बार बीजेपी का गठबंधन
भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींढसा के शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। संकल्प दस्तावेज या घोषणापत्र जालंधर में केंद्रीय मंत्रियों हरदीप सिंह पुरी और सोम प्रकाश, भाजपा नेताओं दुष्यंत गौतम और तरुण चुग और अमरिंदर सिंह के बेटे रनिंदर सिंह सहित अन्य की उपस्थिति में जारी किया गया।
भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने पूर्व में विधानसभा चुनाव के लिए 11-सूत्री संकल्प पत्र और बाद में ग्रामीण क्षेत्र के लिए एक और दस्तावेज जारी किया था, जिसमें पांच एकड़ जोत से कम जमीन वाले वाले किसानों के लिए पूर्ण कर्ज माफी का भी वादा किया था। नए दस्तावेज में पहले के प्रमुख वादों को शामिल किया गया है।
नए घोषणापत्र की मुख्य विशेषताओं में पंजाब के युवाओं के लिए सभी सरकारी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण और सभी निजी नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण शामिल है। इस अवसर पर पुरी ने कहा कि घोषणापत्र केवल एक दृष्टि पत्र नहीं है, बल्कि यह ठोस प्रतिबद्धताएं प्रस्तुत करता है।
दस्तावेज में 'बेअदबी की घटनाओं को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने' का वादा किया गया और कहा गया कि ऐसे मामलों को समयबद्ध तरीके से निपटारा के लिए त्वरित अदालतें स्थापित की जाएंगी।