Punjab Assembly Elections: पंजाब में कांग्रेस की नैया अब चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के भरोसे है। सिद्धू जहां कांग्रेस में शामिल होने से पहले से ही सुर्खियों में रहे हैं, वहीं चरणजीत सिंह चन्नी सीएम बनने से पहले तक कोई जाना-माना नाम नहीं थे। पर अब वह राज्य में कांग्रेस की राजनीति का प्रमुख चेहरा हैं। वह राज्य में दलित समुदाय के पहले नेता हैं,जिन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने का अवसर मिला है।
सिद्धू से विवाद के बीच सीएम पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने जब मुख्यमंत्री पद के लिए चरणजीत सिंह चन्नी के नाम का ऐलान किया तो पार्टी नेतृत्व के इस फैसले ने कई लोगों को हैरान किया, क्योंकि चर्चाओं में उनका नाम कहीं नहीं था। कांग्रेस पर विधानसभा चुनाव के लिए दलित कार्ड खेलने की कोशिश का आरोप भी लगा, लेकिन पंजाब में दलित मतदाताओं के सियासी समीकरणों को देखते हुए जानकारों ने इसे अहम फैसला करार दिया।
ऐसा है CM चन्नी का सियासी सफर
पंजाब में तीन बार विधानसभा चुनाव जीत चुके चरणजीत सिंह चन्नी अब चौथी बार फिर मैदान में हैं और सत्तारूढ़ पार्टी की सियासत का प्रमुख चेहरा हैं। वर्ष 2007 में वह पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन तब पंजाब कांग्रेस का केंद्रबिंदु रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया था। इसके बाद 2012 और 2017 का विधानसभा चुनाव भी उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लड़ा और उसमें जीत भी हासिल की।
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सियासी समीकरणों को साधते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में भी शामिल किया था और उन्हें टेक्नीकल एजुकेशन और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग, पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों की जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन कैप्टन के खिलाफ जब कांग्रेस में ही आवाज उठने लगी तो ऐसे नेताओं में चन्नी भी शामिल थे। अब पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी 2022 का विधानसभा चुनाव चमकौर साहिब से लड़ेंगे, जिसके लिए उन्होंने पूरी ताकत झोंक रखी है।
महिला अधिकारी को मैसेज भेजने पर विवाद
पंजाब की सियासत में चन्नी भले ही बड़े दलित चेहरे के तौर पर सामने आए हों, लेकिन उनके साथ एक विवाद भी जुड़ा है, जिसे बीजेपी और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह इन दिनों जोरशोर से उठा रहे हैं। यह मामला एक महिला IAS अधिकारी को 'अनुचित मैसेज' भेजने का है। चन्नी पर 2018 में यह आरोप लगा था, जब कैप्टन की सरकार में मंत्री थे। हालांकि तब कैप्टन ने कहा था कि चन्नी ने माफी मांग ली है और यह मामला सुलझ गया है, लेकिन अब एक बार फिर इस चुनाव में इसे लेकर उनके खिलाफ खूब आरोप लगे।
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कांग्रेस का दामन छोड़ अब बीजेपी के साथ चुनाव लड़ रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मसले को जोरशोर से उछाला। कैप्टन ने सीएम चन्नी पर अवैध रेत खनन में शामिल होने का आरोप भी लगाया और कहा कि इसमें कांग्रेस के कई शीर्ष नेता भी शामिल हैं।