Priyanka Gandhi in UP Assembly Elections 2022: कांग्रेस पार्टी का भारतीय राजनीति में क्या स्थान है ये बताने की आवश्यकता नहीं देश की सत्ता चलाने से लेकर कई अहम राज्यों में शासन कर चुकी पार्टी के लिए देश के अहम सूबे उत्तर प्रदेश में सूखा खत्म नहीं हो रहा है यानी पार्टी यहां अरसे से सत्ता से बाहर है और हर चुनाव में पूरा दम-खम लगाती रही है वहीं इस बार के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी चर्चाओं में है इसके पीछे महासचिव प्रियंका गांधी की लंबे समय से की जा रही मेहनत बताई जा रही है गौर हो प्रदेश के कई मुद्दों पर प्रियंका का जुझारूपन सामने आया है।
इस चुनाव में बीजेपी के सामने सत्ता बचाने की चुनौती है तो वहीं कांग्रेस और बसपा के सामने पिछले चुनाव के प्रदर्शन से अधिक वोट और सीटें लेकर पार्टी में जान फूंकने की चुनौती है, इसे लेकर कांग्रेस को यूपी में दोबारा मजबूत करने के लिए महासचिव प्रियंका गांधी काफी मेहनत करती दिख रही हैं।
प्रियंका गांधी को विरासत में मिली है 'राजनीति'
प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी 1972 को दिल्ली ने हुआ था, प्रियंका भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गाँधी की दूसरी संतान है। उनकी दादी इंदिरा गाँधी और जवाहर लाल नेहरू भी भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं। इन्होंने अपनी शिक्षा माडर्न स्कूल कॉन्वेंट ऑफ़ जीसस एण्ड मैरी, नई दिल्ली से प्राप्त की और वह दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान विषय की स्नातक हैं वह एक शौकिया रेडियो संचालक है।
अमेठी का डंका, बिटिया प्रियंका...
उन्होंने अपनी माँ और भाई के निर्वाचन क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी में नियमित रूप से दौरा किया और जहां उन्होंने लोगों से सीधा संवाद ही स्थापित नहीं किया बल्कि इसका आनंद भी लिया। वह निर्वाचन क्षेत्र में एक लोकप्रिय व्यक्तित्व है, अपनी चारो तरफ अपार जनता को आकर्षित करने में सफल भी हैं; अमेठी में प्रत्येक चुनाव के समय एक लोकप्रिय नारा है अमेठी का डंका, बिटिया प्रियंका, (इसका मतलब है कि लोग कहते हैं कि अमेठी प्रियंका का है उन्हें अपनी माँ की "मुख्य राजनीतिक सलाहकार" माना जाता है लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी माँ की चुनाव अभियान प्रबंधक थी और अपने भाई राहुल गाँधी के चुनाव प्रबंधन में मदद की।
पहली परीक्षा में ही प्रियंका गांधी के सामने मुश्किल,उम्मीदवार से लेकर भरोसेमंदों ने छोड़ा साथ
कई लोग प्रियंका में 'इंदिरा गांधी' की छवि देखते हैं
प्रियंका गांधी भारतीय राजनीति में कांग्रेस के 'पहले परिवार' की बेटी हैं खबरें और सुर्खियां उनका पीछा करती रहती हैं। कई लोग उनमें इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं और उनका मानना है प्रियंका ही अपनी दादी की विरासत को फिर से जी सकती हैं, हालांकि प्रियंका के जीवन में कई ऐसे मोड़ आए जो उनके साथ ही भारत की राजनीति के लिए भी अहम रहे हैं।
लड़की हूं लड़ सकती हूं...प्रियंका गांधी इसे भुनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहीं
यूपी इलेक्शन को लेकर शुरू हुए प्रियंका गांधी के कैंपेन लड़की हूं लड़ सकती हूं... ने इस चुनाव में कहीं ना कहीं सबका ध्यान खींचा है और इसके पीछे वजह भी वाजिब है कि लड़कियां किसी भी समाज का अहम हिस्सा हैं और देश में तमाम जगहों पर उनकी उपेक्षा किसी से छिपी नहीं है, इसी को लेकर प्रियंका गांधी खासी संवेदनशील हैं और इसके लिए खासे कैंपेन पार्टी चला रही है।
कांग्रेस सत्ता में आई तो क्या प्रियंका गांधी होंगी 'सीएम फेस'?
यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का घोषणापत्र जारी किए जाने के बाद प्रियंका गांधी ने पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया था जिसमें एक सवाल था कि कांग्रेस की तरफ से सीएम चेहरा कौन है। उस सवाल के जवाब में प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं खुद चेहरा हूं उनके बयान के बाद सियासी सरगर्मी तेज हुई तो बाद में उन्होंने यू टर्न ले लिया और कहा कि सीएम का चेहरा पार्टी तय करेगी, कांग्रेस पार्टी सीएम उम्मीदवारों को थोपती नहीं है।
प्रियंका गांधी ने किया स्पष्ट- उत्तर प्रदेश में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी कांग्रेस, सभी सीटों पर लड़ेगी चुनाव
प्रियंका योगी सरकार के कामकाज पर उठाती रही हैं 'तीखे सवाल'
प्रियंका गांधी ने कहा कि योगी सरकार में ने बेरोजगारों और नौजवानों के लिए क्या किया है। चुनाव आने पर 25 लाख नौकरियां देने का दावा करते हैं। लेकिन ये नहीं बताया कि नौकरियां किस तरह देंगे। कैसे लाएंगे और देंगे। कांग्रेस सरकार बनने पर 20 लाख नौकरियां दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमने नौकरी का दावा हवा में नहीं किया। इस दिशा में हम कदम भी उठाएंगे। राजनीतिक दल असलियत को छुपाकर चुनाव के समय जाति, सांप्रदायिकता पर आधारित मुद्दे उठा रहे हैं। यूपी के विकास की बात नहीं करना चाहते हैं। इससे प्रदेश की जनता का नुकसान हो रहा है। कांग्रेस जनता की आवाज उठा रही है। विकास, बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे ही कांग्रेस के मुख्य मुद्दे हैं।