- सपा ने कल लखनऊ में की थी रैली, स्वामी प्रसाद मौर्य सहित कई विधायक हुए थे सपा में शामिल
- शुक्रवार की चुनावी रैली को लेकर चुनाव आयोग हुआ सपा पर सख्त
- चुनाव आयोग ने नोटिस भेजकर सपा से 24 घंटे के भीतर मांगा जवाब
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई विधायकों शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए। इस दौरान आयोजित हुए कार्यक्रम में भारी संख्या में जुटी भीड़ ने न केवल कोविड-19 नियमों का उल्लंघन किया बल्कि चुनाव आयोग के नियमों को भी ताक पर रखा। सपा की इस चुनावी रैली को लेकर आयोग सख्त हो गया है और उसने अब समाजवादी पार्टी को नोटिस भेजा है।
24 घंटे के भीतर मांगी सफाई
अपने ऑफिस में कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी को नोटिस भेजा है। चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी से 24 घंटे में नियमों के उल्लंघन पर सफाई मांगी है। इससे पहले शुक्रवार को इस भीड़ को लेकर चुनाव आयोग के निर्देश पर संबंधित धाराओं में सपा के 2500 अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
आयोग ने लगाई थी सभाओं पर रोक
आयोग ने चुनाव प्रचार के लिए 16-सूत्रीय दिशा निर्देशों को सूचीबद्ध करते हुए सार्वजनिक रैलियों और सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके साथ ही घर-घर प्रचार के लिए प्रचारकों की टीम की संख्या उम्मीदवारों समेत पांच तक सीमित कर दिया था लेकिन सपा कार्यालय में लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा था। कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बीच, निर्वाचन आयोग ने शनिवार को उन पांच राज्यों में प्रत्यक्ष रैलियों और रोडशो पर रोक 22 जनवरी तक बढ़ा दी जहां विधानसभा चुनाव होने हैं। आयोग ने कहा कि वह बाद में स्थिति की समीक्षा करेगा और नया निर्देश जारी करेगा।
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