- माइकल लोबो ने गोवा के मंत्री के पद से इस्तीफा दिया, भाजपा छोड़ी
- इससे पहले तीन और विधायक छोड़ चुके हैं पार्टी
- माइकल लोबो आज ही कांग्रेस में होंगे शामिल
पणजी: गोवा में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को राज्य में एक बड़ा झटका लगा है। पूर्व विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री माइकल लोबो ने सोमवार को गोवा विधानसभा के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया। इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लोबो आज शाम को कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। दो बार के भाजपा विधायक लोबो ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था। गोवा में चुनाव की घोषणा के बाद से भाजपा के कुल चार विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, जिनमें शामिल हैं-
1)माइकल लोबो (कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं)
2) अलीना सलदाना (आप में शामिल)
3)कार्लोस अल्मेडा (कांग्रेस में शामिल)
4) प्रवीण ज़ांटे (अभी तक पुष्टि नहीं हुई है कि वह किससे जुड़ेंगे)
सीएम सावंत का ट्वीट
विधायकों के पार्टी छोड़ने पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ट्वीट कर कहा, 'भारतीय जनता पार्टी एक बड़ा परिवार है जो पूरी निष्ठा से मातृभूमि की सेवा करता रहता है! लालच और व्यक्तिगत हितों के एजेंडे को पूरा करने के लिए कुछ दलबदलू, सुशासन के हमारे एजेंडे को रोक नहीं सकते। गोवा के लोगों ने एक दशक तक भाजपा के शासन और विकास मॉडल को देखा है और मुझे विश्वास है कि वे हमें अपनी सेवा में एक और कार्यकाल देंगे। जय हिंद, जय गोवा।'
पर्रिकर होते तो नहीं छोड़ता पार्टी- लोबो
लोबो के इस्तीफे के साथ ही सदन में भाजपा के सदस्यों की संख्या घटकर 24 रह गई है। वह पार्टी से इस्तीफा देने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के पहले मंत्री और तीसरे विधायक हैं। 15 साल तक बीजेपी में रहने के बाद लोबो ने कहा कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर जीवित होते तो वह कभी पार्टी नहीं छोड़ते। लोबो ने कहा 'पर्रिकर महान कद के नेता थे। उनके साथ मेरी बहुत सारी अच्छी यादें हैं। आज वह नहीं हैं, लेकिन वे टेबल पर बैठकर मुद्दों को सुलझाते थे। कई मौकों पर उनके साथ हमारी बहस भी हुई थी। निश्चित रूप से वह सहमत नहीं थे।'
इन दलों के बीच है मुकाबला
उन्होंने दावा किया कि लोग तटीय राज्य में भाजपा के शासन से नाखुश हैं। उन्होंने कहा, 'मतदाताओं ने मुझे बताया कि भाजपा अब आम लोगों की पार्टी नहीं रही।' उन्होंने यह भी दावा किया कि जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के मन में पार्टी द्वारा नजरअंदाज किए जाने की भावना है। आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग ने शनिवार को घोषणा की कि गोवा विधानसभा की सभी 40 सीटों पर चुनाव 14 फरवरी को होंगे। गोवा के सियासी घमासान में इस बार मुकाबला भाजपा, कांग्रेस, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी), आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) के बीच होने की संभावना है।
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