- वाराणसी के बाद अयोध्या पहुंच रहे हैं 100 से ज्यादा मेयर
- इसके पहले भाजपा के 12 मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रिों ने अयोध्या पहुंच मंदिर निर्माण कार्य देखा था।
- अयोध्या मुद्दे के जरिए भाजपा हिंदू वोट बैंक को एकजुट करना चाहती है।
नई दिल्ली: यूपी चुनावों को देखते हुए , भाजपा अयोध्या मुद्दे को गरमाए रखना चाहती है। इसी कड़ी में अब देश के 100 से ज्यादा शहरों के मेयर शनिवार को अयोध्या पहुंचने वाले हैं। जहां पर वे राम राम जन्मभूमि और हनुमानगढ़ी के मंदिरों में पूजा-अर्चना करेंगे। वेअयोध्या में जारी राम मंदिर के निर्माण को भी देखेंगे। इसके पहले ऐसी ही कवायद भाजपा के 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों ने 15 दिंसबर को थी।
वाराणसी से पहुंचेंगे अयोध्या
100 से ज्यादा शहरों के मेयर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से अयोध्या पहुंचेगे। वहां पर इन मेयर्स ने शुक्रवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित एक गोष्ठी में हिस्सा लिया। यह ठीक उसी तरह की कवायद है जैसा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों ने की थी। वह भी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठकर कर वाराणसी से अयोध्या पहुंचे थे। मेयर्स के कार्यक्रम के बारे में अयोध्या नगर निगम के प्रवक्ता रामकिशोर यादव ने बताया कि सभी मेयर्स राम जन्मभूमि और हनुमानगढ़ी के मंदिरों में पूजा-अर्चना करेंगे। ये अयोध्या में जारी राम मंदिर के निर्माण को भी देखेंगे।
अयोध्या मुद्दे को भुनाना चाहती है भाजपा
यूपी चुनावों में भाजपा अयोध्या में बन रहे श्री राम जन्मभूमि मंदिर और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को बड़ा मुद्दा बनाना चाहती है। पार्टी की कोशिश है कि इसके जरिए वह हिंदू वोटों को ज्यादा से ज्यादा एकजुट कर सके। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण भाजपा का हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है। और उसकी कोशिश है कि 2024 से पहले अयोध्या में राम लला का मंदिर निर्माण पूरा हो जाय। साथ ही 2022 में यूपी चुनावों में वह अयोध्या मंदिर मुद्दे को भुना सके। क्योंकि इसी मुद्दे के सहारे भाजपा 1982 के 2 लोकसभा सीटों से 2019 में 303 सीटों तक पहुंची है। और इस बार उत्तर प्रदेश में भाजपा एक बार फिर 300 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है। भाजपा को 2017 में 312 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी।