- पीएम बोले- यूक्रेन में फंसे हर भारतीय को वापस लाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं
- पीएम मोदी ने की देश को ‘‘आत्मनिर्भर’’ बनाकर मजबूत करने की वकालत
- ऑपरेशन गंगा चलाकर हम यूक्रेन से हजारों भारतीयों को वापस ला रहे हैं- पीएम मोदी
नई दिल्ली: यूक्रेन से भारतीय छात्रों और नागरिकों को वापस लाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लाने के लिए हरसंभव प्रय़ास कर रही है। उत्तर प्रदेश के बस्ती में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दुनिया में व्याप्त उथल-पुथल की ओर इशारा किया और देश को "आत्मनिर्भर" बनाकर मजबूत करने की वकालत की। इस दौरान उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों पर भी निशाना साधा।
सरकार कर रही है अथक प्रयास
उन्होंने बस्ती के पॉलिटेक्निक कॉलेज मैदान, हथियागढ़ में बस्ती, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर और आम्बेडकर नगर जिले के विधानसभा क्षेत्रों की संयुक्त रैली के दौरान कहा कि चुनौती भरे समय में भारत ने हमेशा अपने हरेक नागरिक के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और जहां भी संकट आया, वहां से अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों को निकालने के लिए अथक प्रयास कर रही है।
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उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह समय जाति और धर्म की बाधाओं से ऊपर उठने और देश को "आत्मनिर्भर" बनाकर मजबूत करने का समय है। उन्होंने कहा कि राजवंशों के नेतृत्व वाली पिछली सरकारों ने भारत को अपनी रक्षा जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर रखा, लेकिन अब प्राथमिकता 'आत्मनिर्भर' है। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर कटाक्ष करते हुए कहा "राष्ट्र भक्ति" (राष्ट्र के प्रति समर्पण) और "परिवार भक्ति" (परिवार के प्रति समर्पण) में अंतर है।
बालाकोट स्ट्राइक का किया जिक्र
उन्होंने कहा कि देश ने 26 फरवरी को बालाकोट हवाई हमले के तीन साल पूरे होने का जश्न मनाया, लेकिन वंशवादियों ने तब इसका सबूत मांगा था। प्रधानमंत्री ने कहा, 'कहा, ‘आज चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर देश अपने सपूत को याद कर रहा है, कल बालाकोट हवाई हमले के तीन साल पूरे होने पर देश ने अपनी वायुसेना के पराक्रम को भी याद किया। हमारे शूरवीरों ने देश को चुनौती देने वालों को उनके घर में ही घुसकर मारा था। याद है न। यह दिन जब-जब आता है, देश का सीना गर्व से और चौड़ा हो जाता है, लेकिन भारत का यह पराक्रम दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बैठे कुछ घोर परिवारवादियों को रत्ती भर भी पसंद नहीं आता। ये लोग आज भी हमारी सेनाओं से सबूत मांगते हैं।'
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