- पंजाब की 117 विधान सीटों में से 69 सीटें मालवा क्षेत्र से आती हैं। जो किसी भी पार्टी के लिए सत्ता का रास्ता तैयार करती हैं।
- पंजाब में किसान करीब 80 सीटों पर अहम भूमिका निभाते हैं।
- महिला मतदाता पंजाब में हर बार निर्णायक भूमिका निभाती हैं।
नई दिल्ली: इस बार पंजाब में चुनाव, पिछले 55 वर्षों का सबसे अलग चुनाव है। 2012 तक पंजाब में आम तौर पर चुनाव दो प्रमुख दलों (कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल) के बीच घूमता रहा। इस ट्रेंड में पहली बार असरकारी बदलाव 2017 में दिखा, जब आम आदमी पार्टी के रूप में एक तीसरे दल की मजबूत एंट्री हुई। और उसने 20 सीटें हासिल की। लेकिन पिछले 5 साल में राज्य के राजनीतिक समीकरण काफी बदल गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह नई पार्टी बनाकर भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं, तो किसान आंदोलन से चर्चा में आए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल संयुक्त समाज मोर्चा बनाकर किसान राजनीति की ताल ठोक रहे हैं। ऐसे में पंजाब का चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है। इसे देखते हुए इस बार 4 नेता सीएम चेहरे के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। तो आइए जानते हैं कि राज्य की 7 हॉट सीट, जिस पर सभी की नजर रहेगी।
अमृतसर ( पूर्व )
पंजाब चुनाव में सबसे कड़ा मुकाबाल जिस सीट पर होने वाला है, वह अमृतसर पूर्व सीट है। यहां से वैसे तो कोई मुख्यमंत्री का चेहरा चुनावी मैदान में नही है। लेकिन फिर भी इस सीट पर सबकी नजर रहेगी। इस सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और उन्हें किसी भी कीमत पर जीतने से रोकने का दावा करने वाले शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया के बीच है। वैसे तो अमृतसर (पूर्व) सिद्धू की परंपरागत सीट है लेकिन मजीठिया के मैदान में उतरने से मामला रोचक हो गया है। खास बात यह है कि दोनों नेता अब तक कोई विधानसभा चुनाव नहीं हारे हैं। इस सीट पर आम आमदी पार्टी की डॉ. जीवनजोत कौर उम्मीदवार हैं। भाजपा गठबंधन ने पूर्व आईएएस जगमोहन सिंह राजू को प्रत्याशी बनाया है।
चमकौर साहिब
इस बार चमकौर साहिब से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी उम्मीदवार हैं। और पार्टी उन्ही के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में सबकी नजर चमकौर साहिब पर है कि चन्नी यहां के अलावा राज्य के दूसरे इलाकों में क्या असर डालते हैं। चन्नी को आम आदमी पार्टी के चरणजीत सिंह और अकाली दल-बसपा गठबंधन के हरमोहन सिंह टक्कर दे रहे हैं। चमकौर साहिब के अलावा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भदौड़ से भी मैदान में हैं।
पटियाला शहर
कांग्रेस से अलग होकर पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी परंपरागत सीट पटियाला शहर से फिर मैदान में हैं। कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ रहे कैप्टन के लिए यह चुनाव उनके राजनीतिक भविष्य के लिए बेहद अहम हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने अजीतपाल कोहली और कांग्रेस ने पूर्व मेयर विष्णु शर्मा को टिकट दिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बार भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार हैं।
जलालाबाद
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल जलालाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह पंजाब में इस बार हो रहे चुनाव के सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। अकाली दल इस बार बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है। अगर यह गठबंधन जीतता है तो सुखबीर बादल अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैं। बादल के खिलाफ कांग्रेस ने मोहन सिंह फलियांवाल और आम आदमी पार्टी ने जगदीप कंबोज को मैदान में उतारा है। जबकि 25 साल बाद अकाली दल से अलग होकर लड़ रही भाजपा ने पूरन चंद को मैदाना में उतारा है।
धूरी
इस बार यह सीट आम आदमी पार्टी की भविष्य की राजनीति के लिए अहम बनई है। पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान चुनावी मैदान में हैं। मान को टक्कर देने के लिए अकाली दल ने प्रकाश चंद गर्ग और कांग्रेस ने दलवीर सिंह गोल्डी को मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने रनदीप सिंह देओल को मैदान में उतारा है।
लंबी
पंजाब की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले, शिरोमणि अकाली दल के 94 साल के नेता प्रकाश सिंह बादल चुनावी मैदान में हैं। प्रकाश सिंह पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बादल के खिलाफ कांग्रेस ने जगपाल सिंह अबुलखुराना और आम आदमी पार्टी ने गुरमीत खुडि्डयां को चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा से राकेश ढींगरा को मैदान में हैं।
इसके अलावा बलवीर सिंह राजेवाल निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में समरावाला से चुनावी मैदान में हैं।