- पंजाब चुनाव में शिरोमणि अकाली दल का बीएसपी के साथ गठबंधन है।
- बसपा पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 20 पर चुनाव लड़ रही है।
- शिरोमणि अकाली दल 97 सीटों पर मैदान है।
पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल लंबी सीट से पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और बिक्रम सिंह मजीठिया अमृतसर पूर्व से चुनाव लड़ेंगे। बिक्रम सिंह मजीठिया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। यह जानकारी शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने दी।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू का अहंकार खत्म करने के लिए बिक्रमजीत सिंह मजीठिया उनके के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। वो अहंकारी हो गया है कि उसमें मैं आ गया है, उसे पता चलेगा कि पंजाब की जनता उसे पसंद नहीं करती।
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को दावा किया था कि अगले महीने होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ेगा, जबकि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन 80 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेगा। उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी को 10 से कम सीटें जीतेगी। बादल ने शिअद-बसपा गठबंधन के 80 से अधिक सीटें जीतने का दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस पूर्ण हार की ओर बढ़ रही है। आप दोहरे अंक को नहीं छू पाएगी।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहा है। दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे के समझौते के मुताबिक, बसपा पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 20 पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बाकी पर शिअद लड़ेगी।
लुधियाना में पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में कई चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए बादल ने कहा कि शिअद-बसपा सत्ता में लौटने के लिए तैयार हैं और गुंडागर्दी का शासन, अब सिर्फ कुछ और दिनों के लिए है। उन्होंने कहा कि हमारे गठबंधन की प्रचंड जीत के साथ 10 मार्च (जब चुनाव परिणाम घोषित होंगे) शांति और सर्वांगीण विकास का युग फिर से शुरू होगा।
बादल ने दावा किया कि शिअद एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसे पंजाब के लोगों के लिए वास्तविक चिंता है जबकि आप और कांग्रेस जैसी पार्टियों के फैसले दिल्ली में बैठे उनके पार्टी आलाकमान द्वारा लिए जाते हैं। बादल ने कहा कि इन पार्टियों को राज्य के लिये कोई वास्तविक दर्द, वास्तविक चिंता नहीं है। उनका एकमात्र उद्देश्य सत्ता हथियाना है, लेकिन पंजाब को आगे ले जाना नहीं है। यहां तक कि लुधियाना के लोग शिअद के सत्ता में रहने के दौरान हुए विकास को जानते हैं। उन्होंने कहा कि वह पिछले तीन महीने से पंजाब का दौरा कर रहे हैं और लोगों की नब्ज पहचानते हैं।