- पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और श्रीकांत शर्मा को संगठन में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
- 8 बार के विधायक और पूर्व मंत्री सतीश महाना को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है।
- मोहसिन रजा योगी सरकार के पहले मंत्रिमंडल के प्रमुख मुस्लिम चेहरा थे, लेकिन इस बार उन्हें जगह नही मिली है।
Yogi Cabinet Minister List: योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ ले ली है। और इसके साथ ही प्रदेश में योगी सरकार 2.0 का आगाज हो गया है। 52 सदस्यों वाले मंत्रिमंडल में 2 उप मुख्यमंत्री सहित 18 कैबिनेट मंत्री , 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 18 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली है। जहां नए मंत्रिमंडल में कई चेहरों को पहली बार जगह मिली है। वहीं कई दिग्गजों का पत्ता कट गया है। आइए जानते हैं योगी कैबिनेट 1.0 के उन दिग्गजों के बारे में जो बेहद रूतबा रखते थे और उम्मीद थी कि इस बार भी कैबिनेट में जगह बनाएंगे, लेकिन उनका पत्ता कट गया है...
इन दिग्गजों का कटा पत्ता
दिनेश शर्मा
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में दिनेश शर्मा उप मुख्यमंत्री थे। लेकिन इस बार उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। हालांकि इस तरह के संकेत पहले से थे क्योंकि दिनेश शर्मा ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा था। ऐसी संभावना है कि उन्हें सगंठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
श्रीकांत शर्मा
पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन के असर के बावजूद मथुरा से दोबारा जीत कर आए श्रीकांत शर्मा को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। वह पिछली सरकार में ऊर्जा मंत्री थी। ऐसी खबरें हैं कि श्रीकांत शर्मा को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। खास तौर से जब मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह कैबिनेट मंत्री बन गए हैं।
सतीश महाना
भाजपा के वरिष्ठ नेता और कानपुर से पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले सतीश महाना को भी कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई है। महाना 8 बार से विधायक हैं। ऐसी खबरें हैं कि उनकी वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है।
सिद्धार्थ नाथ सिंह
इलाहाबाद शहर पश्चिमी से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह को अबकी बार कैबिनेट जगह नहीं मिली है। पिछली सरकार में वह एमएसएमई, खादी एवं ग्रामोद्योग, निवेश, निर्यात, वस्त्रोद्योग, रेशम, एनआरआई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। सिद्धार्थ नाथ सिंह लाल बहादुर शास्त्री के नाती हैं।
मोहसिन रजा
मोहसिन रजा योगी सरकार के पहले कार्यकाल की कैबिनेट में एक मात्र मुस्लिम चेहरा थे। इस बार उनकी जगह बलिया के दानिश आजाद को मंत्री बनाया गया है। मोहसिन रजा की जगह दानिश आजाद को जगह मिलने से साफ है कि भाजपा मुस्लिम समुदाय के वोटरों में प्रभाव बढ़ाना चाहती है। क्योंकि दानिश सुन्नी समुदाय से आते हैं। जबकि मोहसिन रजा शिया समुदाय का प्रतिनिधित्व करते थे।
आशुतोष टंडन
आशुतोष टंडन पहले कार्यकाल में काफी कद्दावर मंत्री थे। उनके पास शहरी विकास, शहरी रोजगार और गरीबी उन्मूलन जैसे विभाग शामिल थे। आशुतोष टंडन भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन के बेटे हैं।
इन्हें भी मिली मायूसी
पिछली बार कैबिनेट में जगह पाने वाले अतुल गर्ग, नीलिमा कटियार, रामनरेश अग्निहोत्री, महेंद्र सिंह, जय प्रताप सिंह, अशोक कटरिया, श्रीराम चौहान, जय प्रकाश निषाद, जय कुमार सिंह , मनोहर लाल मुन्नू कोरी, सुरेश कुमार पासी, अनिल शर्मा, महेश चंद्र गुप्ता, डॉ जीएस धर्मेश, लाखन सिंह राजपूत, चौधरी उदय भान सिंह, रमाशंकर पटेल आदि को इस बार जगह नहीं मिल पाई है।