- समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे हैं भाजपा, कांग्रेस, बसपा के नेता
- स्वामी प्रसाद मौर्य ने 14 जनवरी को सपा में शामिल होने की घोषणा की है
- सपा के क्षत्रपों को लगता है कि इससे उनके दबदबे में कमी आ सकती है
UP Assembly Elctions 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नेताओं का दल-बदलने का सिलसिला तेज हो गया है। सबसे ज्यादा भगदड़ भाजपा में मची है। योगी सरकार के मंत्री और विधायक भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थाम रहे हैं। अब तक दो मंत्री सहित आठ विधायक भगवा पार्टी छोड़ चुके हैं। सियासी गलियारे में चर्चा है कि भाजपा जिन नेताओं का टिकट काटने जा रही है, वे नेता पहले से अपने लिए सुरक्षित सीट का इंतजाम करने में जुटे हैं। इन नेताओं को अंदेशा हो चुका है कि पार्टी इन्हें टिकट नहीं देने जा रही। भाजपा में सेंध लगाकर समाजवादी पार्टी का एक तबका खुश है तो एक तबका ऐसा भी है जो इन 'दल बदलुओं' के पार्टी में शामिल होने से सशंकित है और बेचैन है।
टिकट के लिए सपा अध्यक्ष पर दबाव बना सकते हैं 'टर्नकोट'
सूत्रों का कहना है कि सपा के क्षत्रपों को लगता है कि बाहर से आए ये नेता उनका 'खेल खराब' करेंगे। चुनाव के लिए वर्षों की मेहनत से जो उन्होंने पार्टी में राजनीतिक प्रभाव जमाया है उसमें कटौती हो सकती है। भाजपा के स्वामी प्रसाद मौर्य, राजेश पांडे, कांग्रेस के इमरान मसूद, बसपा के राम अचल राजभर एवं लाल जी वर्मा कद्दावर नेता हैं। सपा नेताओं को लगता है कि टिकट बंटवारे में इन नेताओं का दखल हो सकता है और ये अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने के लिए सपा अध्यक्ष पर दबाव बनाएंगे। सपा के वरिष्ठ नेताओं को लगता है कि ऐसा होने पर उनके प्रभाव में कमी आएगी या उन सीटों पर जहां वे खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं या अपने समर्थकों को टिकट दिलवाना चाहते हैं, उन पर उनका दावा कमजोर पड़ सकता है।
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ऊंचाहार सीट से चुनाव लड़ चुके हैं मौर्य के बेटे
मौर्य ने कहा है कि वह 14 जनवरी को सपा में शामिल होंगे। उनकी इस घोषणा के बाद सपा में ऊंचाहार सीट को लेकर हलचल शुरू हो गई है। दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट ऊंचाहार सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और इस सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। सूत्रों की मानें तो मौर्य चाहते थे कि भाजपा इस सीट पर उनके बेटे को उम्मीदवार बनाए लेकिन भगवा पार्टी ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। बताया जाता है कि मौर्य की नाराजगी का एक बड़ा कारण यह भी रहा है। ऊंचाहार सीट पर सपा के मनोज पांडे मौजूदा विधायक हैं। वह इस सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं। पांडे ने ही उत्कृष्ट को हराया था। इस सीट के लिए मौर्य अगर अखिलेश यादव पर दबाव बनाते हैं तो सपा अध्यक्ष के लिए चुनावी समीकरण बिठाना मुश्किल साबित हो सकता है।
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सहारनपुर के सपा नेताओं में भी बेचैनी
सूत्रों का यह भी कहना है कि अखिलेश ने उत्कृष्ट के लिए प्रयागराज की फाफामऊ सीट से चुनाव लड़ाने की पेशकश की है। हालांकि, इस सीट पर अंतिम फैसला होना अभी बाकी है। कुछ इसी तरह की उधेड़बुन सहारनपुर के सपा नेताओं में है। यहां कांग्रेस के बड़े मुस्लिम चेहरे इमरान मसूद सपा अध्यक्ष से मुलाकात कर चुके हैं। अबेंडकर नगर से बसपा नेता लाल जी वर्मा, राम अचल राजभर एवं राकेश पांडे सपा में शामिल हो चुके हैं। यहां भी सपा कार्यकर्ताओं एवं नेताओं में टिकट को लेकर बेचैनी देखने को मिल रही है। सूत्र यह भी बताते हैं कि सपा के क्षत्रप उम्मीदवारों के नामों की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। टिकट कटने पर यहां भी भागमभाग मच सकती है।