Uttarakhand Assembly Election 2021 Dates, Schedule : इस साल की शुरुआत में जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं उनमें पर्वतीय राज्य उत्तराखंड भी शामिल है। राज्य में अभी भाजपा की सरकार है। विस चुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच होना तय माना जा रहा है। इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है। यहां विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल को 36 सीटें की जरूरत होती है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 56 सीटों के साथ बंपर जीत दर्ज की। भाजपा ने इस राज्य में त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना सीएम बनाया।
रावत को गृह मंत्री अमित शाह का करीबी समझा जाता है। बाद में पार्टी की गुटबाजी को सुलझाने और नए चेहरे के साथ चुनाव लड़ने के लिए भाजपा ने रावत को सीएम पद से हटाने का फैसला किया। भाजपा रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को लेकर आई लेकिन कुछ ही महीनों में तीरथ सिंह को भी हटाना पड़ा। तीरथ सिंह रावत के विवादित बयानों ने पार्टी को मुश्किल में डाला। इसके बाद भाजपा ने एक बार फिर अपना सीएम बदला। उसने जुलाई 2021 में राज्य की कमान पुष्कर सिंह धामी को सौंपी। धामी के सामने सबसे बड़ी चुनौती चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के गठन से उपजे आक्रोश एवं विरोध का हल निकालना है।
भाजपा सरकार ने बोर्ड को भंग कर सरकार के खिलाफ पुजारियों के विरोध को शांत करने की कोशिश की है। देवस्थानम बोर्ड का गठन 2019 में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था। इस बोर्ड के तहत बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री सहित राज्य के 51 मंदिरों को लाया गया था। मंदिर के पुजारियों का आरोप था कि बोर्ड मंदिरों की परंपरा में दखल दे रहा है। तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि सरकार मंदिरों का प्रबंधन बोर्ड से वापस लेगी लेकिन उनका यह वादा लागू नहीं हो सका जिसके बाद पुजारियों का विरोध बढ़ता गया।
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पिछले विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो राज्य में भाजपा को 56 सीटें मिलीं। जबकि कांग्रेस के खाते में 11 सीटें गईं। विधानसभा की पांच सीटें रिक्त हैं। 2017 के चुनाव में भाजपा को 46.5% और कांग्रेस को 33.5% वोट मिले। उत्तराखंड राज्य का गठन साल 2000 में हुआ। इसके बाद यहां विस चुनावों में भाजपा और कांग्रेस की बारी-बारी से सरकार बनती रही है। भाजपा ने इस बार 'अबकी बार साठ पार' का लक्ष्य बनाया है। तो वहीं कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी, पलायन, गैरसैंण, देवस्थानम बोर्ड और भू कानून को चुनावी मुद्दा बना रही है।
विस चुनाव 2002
पार्टी सीट वोट प्रतिशत
भाजपा 19 25.81%
कांग्रेस 36 26.91%
बसपा 07 11.20 %
2007 विस चुनाव
भाजपा 34 31.90%
कांग्रेस 21 29.59%
बसपा 08 11.76%
विस चुनाव 2012
भाजपा 31 33.38%
कांग्रेस 32 34.03%
बसपा 03 12.28%
राज्य में चुनावी समर में कूदने वाली आम आदमी पार्टी लोगों को राजनीतिक विकल्प देने का वादा कर रही है। जानकारों का मानना है कि चुनाव में आप की एंट्री ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आएगा राजनीतिक माहौल में सरगर्मी और तेज होगी। बसपा का अपना जनाधार है। पिछले चुनावों में वह भी सीटें जीतती आई है।