- बीजेपी से निकाले गए हरक सिंह रावत ने थामा कांग्रेस का दामन
- कांग्रेस नेता हरीश रावत ने किया हरक का पार्टी में स्वागत
- हरक सिंह के साथ उनकी बहू अनुकृति भी हुई कांग्रेस में शामिल
नई दिल्ली: उत्तराखंड चुनाव से पहले बीजेपी से निकाले गए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सहित कई कांग्रेसी नेता मौजूद रहे। हरक सिंह रावत के साथ उनकी बहू अनुकृति गोसांईं ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है और उनके चुनाव लड़ने की भी संभावना जताई जा रही है।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिह ने कहा, 'जब 10 मार्च को कांग्रेस पूर्ण बहुमत से जीतेगी, तो यह मेरी माफी होगी (यह कहने पर कि राजनीति में कोई माफी नहीं है)। बीजेपी ने मुझे 'यूज़ एंड थ्रो' समझा; मुझे बहुत दुख हुआ। मैंने गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी दोस्ती आखिरी क्षण तक नहीं तोड़ी, जैसा कि मैंने वादा किया था।'
मुश्किल हो गई थी वापसी
इससे पहले कई नेताओं के विरोध की वजह से हरक की कांग्रेस में वापसी की राह मुश्किल हो गई थी लेकिन अंतत: वह घर वापसी करने में सफल रहे। बीजेपी में दो- तीन सीटों की मांग कर रहे हरक ने मीडिया से साफ कहा कि वह कांग्रेस में बिना किसी शर्त के जाएंगे। हरक ने कहा कि वो चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं बस उनकी बहू को टिकट दिया जाए। अब देखना होगा कि कांग्रेस कैसे हरक सिंह रावत और उनकी बहू के लिए सीट तलाशती है।
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हुआ था विरोध
आपको बता दें कि हरीश रावत कई बार संकेत दे चुके थे कि वह हरक सिंह तथा अन्य बागियों की कांग्रेस में वापसी को लेकर सहज नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि 2016 में उनकी सरकार के खिलाफ बगावत हरीश रावत के खिलाफ नहीं बल्कि लोकतंत्र और उत्तराखंड के खिलाफ थी। 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले 10 कांग्रेस विधायकों में हरक सिंह भी शामिल थे। बगावत के बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया था। रावत के करीबी राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि 2016 में साजिश के तहत लोकतंत्र की हत्या करने वालों को पार्टी में वापस लेने पर जनता को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।