- 14 जून को सुशांत सिंंह राजपूत ने कर ली थी आत्महत्या
- घर में ही फंदे से लटककर दे दी थी सुशांत ने जान
- अब सीबीआई कर रही है सुशांत की आत्महत्या मामले की जांच
Sushant Singh Rajput case: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों के एक पैनल ने सुशांत सिंह राजपूत केस में मर्डर की थ्योरी को खारिज कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन हालातों में मौत हुई है वो आत्महत्या का मामला है। अब AIIMS की रिपोर्ट मिलने के बाद सीबीआई इस मामले की जांच आत्महत्या के एंगल से करेगी। आगे की तफ्तीश में यह तलाशने की कोशिश की जाएगी कि अगर सुशांत ने आत्महत्या की थी तो उसकी वजह क्या थी? क्या किसी ने उसे आत्महत्या के लिए उकसाया था?
बता दें कि 34 साल के एक्टर सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को अपने मुंबई स्थित अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। मुंबई पुलिस ने जांच के आधार पर इस घटना को आत्महत्या करार दिया था और बताया था कि सुशांत ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। कहा गया था कि सुशांत सिंह राजपूत काफी समय से डिप्रेशन में थे और दवाइयां ले रहे थे। हालांकि सुशांत के परिवार, दोस्तों और फैंस ने इस बात को प्रमुखता से उठाया था कि सुशांत जैसा जिंदादिल शख्स आत्महत्या नहीं कर सकता है।
AIIMS के मेडिकल बोर्ड ने सोमवार को सीबीआई के साथ अपनी जांच रिपोर्ट कूपर अस्पताल द्वारा निकाले गए निष्कर्षों के साथ शेयर की थी। एम्स पैनल ने अपनी जांच पूरी करने के बाद सीबीआई को अपनी चिकित्सीय-कानूनी राय देकर फाइन बंद कर दी है। मुंबई पुलिस ने भी मूल रूप से इसे आत्महत्या का केस ही मानकर जांच शुरू की थी और अब एम्स के पैनल ने भी सुशांत का पोस्टमार्टम करने वाले अस्पताल की राय पर अपनी सहमति जताई है।
मुंबई के कूपर अस्पताल ने पोस्टमार्टम में मौत का कारण "फांसी के कारण श्वास अवरोध" बताया था और एम्स पैनल की रिपोर्ट में भी यही कारण बताया गया है। हालांकि अभी भी कोई ऐसा पहलू सामने आता है जिसमें हत्या का एंगल नजर आया तो केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाएगी। सीबीआई इस मामले में अभी तक लगभग 20 लोगों से पूछताछ कर चुकी है और सुशांत के अपार्टमेंट सहित अन्य जगहों की छानबीन कर चुकी है।