- अनुष्का शर्मा की वेब सीरीज पाताल लोक कानूनी मुसीबत में फंस गई है।
- वेब सीरीज के खिलाफ ऑनलाइन पिटिशन भी शुरू की गई है।
- याचिका में मांग की गई है कि शो के मेकर्स बिना शर्त माफी मांगे।
मुंबई. अनुष्का शर्मा की वेब सीरीज पाताल लोक मुसीबत में फंस गई है। इस वेब सीरीज में जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इस कारण पाताल लोक की प्रोड्यूसर अनुष्का शर्मा को लॉयर गिल्ड के सदस्य वकील वीरेन सिंह ने नोटिस भेजा है।
वकील वीरेन सिंह ने बताया कि- 'वेब सीरीज के दूसरे एपिसोड के एक सीन में लेडी पुलिस एक किरदार से पूछताछ करती हैं। इस दौरान वह नेपाली शब्द का इस्तेमाल करती है। यहां तक कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसके बाद जो गाली का इस्तेमाल हुआ उसे स्वीकार नहीं कर सकते।'
बकौल वीरेन सिंह- 'अनुष्का शर्मा इस शो की निर्माता है तो हमने उन्हें ये कानूनी नोटिस भेजा है। फिलहाल अनुष्का ने इस पर अपनी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। हमें यदि जवाब नहीं मिलता है तो हमारी लीगल टीम इसे आगे ले जाएगी।'
शुरू हुई थी ऑनलाइन पिटिशन
पाताल लोक में जातिसूचक शब्द इस्तेमाल करने पर गोरखा समुदाय ने आपत्ति जताई थी। इस समुदाय ने एक ऑनलाइन याचिका भी दायर की थी। अपनी याचिका में इस समुदाय ने मांग की थी कि इस शब्द को म्यूट किया जाए।
याचिका में समुदाय ने ये भी मांग की थी कि शो के सबटाइटल्स को भी ब्लर कर दिया जाए। ये दोनों चीज होने के बाद ही इस वेबसीरीज को दिखाया जाए। वहीं, मेकर्स से बिना शर्त माफ मांगने और डिसक्लेमर डालने की भी मांग की थी।
ऐसी है पाताल लोक की कहानी
पाताल लोक दिल्ली के एक पुलिसवाले हाथीराम चौधरी (जयदीप अहलावत) की कहानी है। हाथीराम चौधरी दिल्ली के बाहरी इलाके जमुनापार थाने में तैनात है। हाथीराम का मानना है दुनिया तीन लोकों में बंटी हुई है-स्वर्ग लोक, धरती लोक और पाताल लोक।
स्वर्ग लोक जहां बड़े और अमीर लोगों का डेरा है। दूसरा धरती लोक-जहां उसके जैसे लोग रहते हैं। तीसरा पाताल लोक जहां कीड़े मकौड़े रहते हैं । पाताल लोक में हाथीराम की पोस्टिंग हुई है। हाथीराम की जिंदगी तब बदल जाती है जब उसे जर्नलिस्ट संजीव मेहरा के मर्डर की साजिश का केस मिल जाता है।