- आयुष्मान खुराना और अमिताभ बच्चन की फिल्म ने पाई सफलता
- गुलाबो सिताबो में मुख्य भूमिका में किसी एक्ट्रेस ने नहीं किया है काम
- इससे पहले भी लीड एक्ट्रेस के बिना हिट साबित हो चुकी हैं ये फिल्में
नई दिल्ली: सभी जानते हैं कि हिंदी सिनेमा तेजी से आगे बढ़ रहा है और तेजी से बदल भी रहा है। वो जमाना अब धीरे धीरे गुजर रहा है जब एक लड़का और एक लड़की की रोमेंटिग फिल्मी लव स्टोरी को ही सफलता का फॉर्मूला माना जाता था या फिर ग्लैमर और हॉटनेस का तड़का लगाना फिल्मों के लिए एक बड़ी जरूरत मानी जाती थी। अब लोग मुद्दों पर बनी मनोरंजन से भरी फिल्मों को देखना पसंद कर रहे हैं, जिनकी कहानी भी दिलचस्प हो।
फिल्मों को लेकर एक धारणा यह भी है कि फिल्म के लीड में एक एक्ट्रेस का होना बहुत जरूरी है लेकिन हालिया फिल्मों पर नजर डालें तो अमेजन प्राइम पर रिलीज हुई गुलाबों सिताबो किसी अभिनेत्री की मुख्य भूमिका के बिना सफल रही है लेकिन यह कोई पहली बार नहीं है जब कोई फिल्म बिना लीड एक्ट्रेस के हिट हुई हो, आइए एक नजर डालते हैं इससे पहले बिना एक्ट्रेस के प्रमुख भूमिका के आई फिल्मों पर।
कांटे 2002: संजय दत्त, अमिताभ बच्चन और सुनील शेट्टी सहित तमाम कलाकारों को एक साथ पर्दे पर लाने वाली कांटे फिल्म में भी कोई लीड एक्ट्रेस नहीं थी और इस फिल्म ने बॉक्सऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया था।
ए वेडनेसडे 2008: इस फिल्म के निर्देशक नीरज पांडे थे और नशीरुद्दीन शाह, अनुपम खैर ने अपनी जबरदस्त एक्टिंग का हुनर दिखाते था। फिल्म ने बॉक्सऑफिस पर अच्छा बिजेनेस किया था।
ओह माय गॉड 2012: अंधविश्वास पर हमला करने वाली फिल्म 'ओह माय गॉड' में अक्षय कुमार और परेश रावल ने काम किया था। इस फिल्म ने बिना किसी लीड एक्ट्रेस के सफलता हासिल की थी।
काई पो चे 2013: चेतन भगत की किताब पर आधारित कहानी पर बनी फिल्म ने सफलता हासिल की थी। यह तीन दोस्तों की कहानी थी जिसमें कोई एक्ट्रेस मुख्य भूमिका में नहीं थी।
धमाल 2007: डायरेक्टर इंद्र कुमार की डायरेक्ट की गई मल्टी स्टारर फिल्म में संजय दत्त और अरशद वारसी सहित कई कलाकारों ने काम किया था। इस फिल्म में लीड रोल में किसी एक्ट्रेस ने काम नहीं किया था। फिल्म ने लगभग 50 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था।
आमिर 2008: 2 करोड़ रुपए के छोटे बजट में बनी इस फिल्म में राजीव खंडेलवाल ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर किसी बड़ी हिट जैसी सफलता तो नहीं मिली थी लेकिन विशेषज्ञों और विश्लेषकों ने इसे सराहा था।