- रवि किशन के संसद में दिए गए बयान पर जया बच्चन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
- जया बच्चन ने कहा कि- लोग जिस थाली में खाते हैं, उसमें छेद नहीं करना चाहिए।
- अब इस मामले पर बॉलीवुड के मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर ने प्रतिक्रिया दी है।
जया बच्चन और रवि किशन के संसद में फिल्म इंडस्ट्री को लेकर दिए गए बयानों पर अब लगातार बॉलीवुड सेलिब्रिटीज की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। बीजेपी सांसद रवि किशन ने बॉलीवुड में ड्रग्स के मामले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए ताकि फिल्म जगत पर लगा धब्बा साफ हो सके। रवि किशन के बयान पर जया बच्चन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। जया ने संसद में कहा कि बॉलीवुड को बदनाम करने की साजिश चल रही है। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री हर रोज 5 लाख लोगों को रोजगार देती है। लेकिन इस पर निशाना साध कर बड़े मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए हमारा इस्तेमाल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर हम पर निशाना साधा जा रहा है। हमें सरकार से भी समर्थन नहीं मिल रहा है। जिन लोगों ने फिल्म इंडस्ट्री के सहारे ही नाम कमाया, उन्होंने इसे गटर कहा। लोग जिस थाली में खाते हैं, उसमें छेद नहीं करना चाहिए। लोगों के आपसी मतभेद या मनभेद का असर इंडस्ट्री पर नहीं होना चाहिए।
अब जया बच्चन के थाली में छेद करने वाली बात को लेकर बॉलीवुड के मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर ने प्रतिक्रिया दी है। मनोज मुंतशिर ने एक ट्वीट कर लिखा, 'फिल्म जगत अगर थाली है, तो ये थाली सबकी है। ये सबकी भूख मिटाती है और सब अपनी मेहनत से इस थाली में रखने के लिए रोटियां कमाते हैं। कोई किसी के टुकड़ों पर नहीं पलता, इस थाली पर ISI की जगह संविधान की मुहर है। ये थाली किसी एक परिवार, खानदान या वंश की बपौती नहीं है।
मनोज मुंतशिर यही नहीं रुके उन्होंने एक और ट्वीट कर लिखा, 'अगर इस थाली में किसी बदजात ने जहर परोस दिया है.. तो इसमें छेद करना जरूरी है... ताकि वो जहर बह के निकल जाए।'
नेपाटिज्म पर भी निशाना साधा चुके मनोज मुंतशिर
गीतकार मनोज मुंतशिर ने इससे पहले बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद (Nepotism) पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था- 'नपोटिज्म यानि भाई भतीजावाद एक्टिंग तक ही क्यों सीमित है? क्यों ये फिल्मी घराने लेखक और निर्देशक तैयार नहीं करते? शायद ये जानते हैं कि नेपाटिज्म की प्रयोगशाला में एक्टर्स बनाए जा सकते हैं, लेखक और निर्देशक नहीं। क्या लेखक और निर्देशक जन्म से टैलेंटेड होते हैं?' मनोज यहीं नहीं रुके। उन्होंने एक दूसरा ट्वीट किया- 'मैं नेपोटिज्म का विरोधी नहीं हूं लेकिन हमें कुछ मामलों में साफ रहने की जरूरत है। रियल टैलेंट को सामने लाने की जरूरत है।'