- अक्षय कुमार सम्राट पृथ्वीराज की रिलीज से पहले पहुंचे काशी विश्वनाथ मंदिर।
- अक्षय कुमार ने ज्ञानवापी परिसर के वीडियो पर दी अपनी राय।
- अक्षय कुमार ने कहा उन्हें कोर्ट, भारत सरकार और ASI पर है भरोसा।
Akshay Kumar on Gyanvapi: अक्षय कुमार अपनी अपकमिंग फिल्म सम्राट पृथ्वीराज की रिलीज से पहले वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे अब अक्षय कुमार और डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने ज्ञानवापी परिसर के वीडियो और इस पूरे विवाद पर अपनी राय रखी है। अक्षय कुमार ने कहा कि उन्हें सरकार, न्यायपालिका और ASI पर पूरा भरोसा है।
Times Now Navbharat की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार ने शो 'सवाल पब्लिक का' में अक्षय कुमार से पूछा, 'चर्चा चल रही है कि औरंगजेब ने काशी में मंदिर ध्वस्त कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाया। परिसर की तस्वीरें भी हैं, जिस पर कोर्ट निर्णय देगा लेकिन, जो तस्वीरें हैं उन्हें भी कोई मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में न सिर्फ इतिहास को हटाया जा रहा है बल्कि हमारी आंखों पर भी पट्टी बांधी जा रही है।' अक्षय कुमार ने जवाब में कहा, 'मुझे विश्वास है जो हमारी सरकार है, हमारी ASI है और जो जज हैं वह सही निर्णय लेंगे।' ज्ञानवापी परिसर के वीडियो पर अक्षय कुमार कहते हैं, 'देखने में तो शिवलिंग लगते हैं।'
अक्षय बोले- 'बिना जानकारी नहीं करता बात'
अक्षय कुमार से जब पूछा गया कि शिवलिंग के ऊपर काटकर कुछ फांक सा बनाया है। आपको लगता है कि ये काटकर बनाया है या शिवलिंग का हिस्सा है। इस पर अक्षय ने जवाब दिया, 'इसके बारे में मेरी कोई जानकारी नहीं है। मैं उस चीज के बारे में कभी बात नहीं करता हूं, जिस चीज पर मेरी जानकारी नहीं होती है। हालांकि, इस बारे में इतनी बातचीत हो रही है। लोग अब इस बारे में जान रहे हैं।' एक्टर आगे कहते हैं, 'हम अपनी हिस्ट्री को वापस लेना चाहते हैं..अपने पास रखना चाहते हैं..लोगों को बताना चाहते हैं।'
ज्ञानव्यापी परिसर पर बोले डॉ. द्विवेदी
सम्राट पृथ्वीराज के डायरेक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने ज्ञानवापी परिसर के वीडियो पर कहा, 'मेरा मानना है ये शिवलिंग हैं। मेरे मन में इसको लेकर कोई शंका नहीं है। मैंने आक्रमण के पूरे इतिहास को देखा है।'
डॉक्टर द्विवेदी कहते हैं, 'ये भी लिखा हुआ और इसे इतिहासकार इरफान हबीब भी मानते हैं कि औरंगजेब के आदेश पर ही काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़ा गया था। इसके अलावा के.के.नटवर सिंह ने भी अपनी किताब में जो कृष्ण जन्मभूमि में मंदिर तोड़े गए थे, उनके बारे में लिखा है।'